जानकारी के अनुसारअलीगढ़ जनपद के छर्रा क्षेत्र के ग्राम धनसारी के गुलशन पुत्र श्री नन्हे ने बताया कि मेरे पिताजी मुझे संपत्ति से बेदखल करना चाहते हैं जिसकी रखवाली करने के लिए मैं वर्ष 2015 से लगातार रजिस्टर ऑफिस पर सुबह 10:00 बजे से 5:00 बजे तक अपने परिवार के साथ लगातार बैठ रहा हूं इसी वजह से कि कहीं मेरे पिताजी किसी और को संपत्ति का बैनामा ना कर दें गुलशन ने बताया रजिस्टार ऑफिस द्वारा आपत्ति दर्ज होने के बाद भी इन्होंने परसों 10 तारीख को बैनामा कर दिया है जबकि गुलशन ने बताया कि मैंने पहले भी आपत्ति दर्ज करा रखी है लेकिन इन्होंने मुझे सूचित नहीं किया और फिर भी उन्होंने बैनामा कर दिया है गुलशन के पास है 6 बच्चे हैं जिसमें दो बड़ी-बड़ी लड़कियां एक रहनुमा एक गुलिस्ता परवीन मैं आज सुबह 10:30 बजे रजिस्टर ऑफिस में जहर खा लिया और आत्महत्या करने की कोशिश की मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचित किया और मौके पर पुलिस पहुंची पुलिस ने दोनों लड़कियों को अपनी जीप में बैठाकर अतरौली चिकित्सा के लिए ले गई जहां पर हालत नाजुक होने की वजह से अतरौली चिकित्सालय द्वारा उन्हें अलीगढ़ के लिए रेफर कर दिया |
एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि लगातार उत्तर प्रदेश शासन द्वारा यह कोशिश की जा रही है कि सरकारी कर्मचारी अपने कर्तव्य और निष्ठा को ध्यान में रखते हुए कार्य करें लेकिन अलीगढ़ की तहसील मैं बैठे लापरवाही लापरवाही की भी हद होती है कि झूले पर बैठे आला अधिकारी भी इन को नजरअंदाज कर देते क्योंकि रजिस्टार ऑफिस में ज्यादातर प्राइवेट लोग ही बैठते हैं तो ऐसे लोगों पर आखिर कब गिरेगी गाज क्या मासूमों की जान से होता रहेगा खिलवाड़ जैसा कि आज अतरौली की तहसील के रजिस्टार ऑफिस में देखने को मिला है अधिकारी के कारण आज अपनी जान जोखिम में डाल दी तथा एक आरोप अलीगढ़ की अतरौली तहसील के रजिस्टार ऑफिस पर लगा है अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर ऑफिस में बैठे ऐसे अधिकारी कब तक ऐसे ही उत्तर प्रदेश के आदेशों की धज्जियां उड़ाते रहेंगे क्या फिर इन पर कार्रवाई होगी |