सुरक्षा बलों में शामिल जवान अपनी धरती पर दुश्मनों के कदम पड़ते ही उनके सामने चट्टान बनकर खड़े हो जाते हैं। इन वीर सपूतों की सुरक्षा को ‘देसी सुरक्षा कवच’ मजबूत करेगा। इसके लिए ‘बैलेस्टिक प्रोटेक्शन ड्रेस’ के नाम से जैकेट अलीगढ़ स्थित डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर में तैयार की जा रही है। मेक इन इंडिया के तहत बन रही यह जैकेट विदेशी जैकेट के मुकाबले अधिक सुरक्षित और आधे वजन की है। मूल्य भी 20 से 25 प्रतिशत कम है। कमर के ऊपर दोनों साइड को भी पूरी तरह बचाने में सक्षम है, जबकि विदेशी जैकेट में ये खूबियां नहीं हैं। बुलेट प्रूफ जैकेट के लिए अभी तक हम इजरायल, अमेरिका, रूस, फ्रांस जैसे देशों पर निर्भर थे। आज स्थिति यह है कि यूरोपीय देश हमारी बनाई जैकेट को खरीदना चाहते हैं। भारत सरकार से करार के बाद वर्ष 2023 में अलीगढ़ की एलन एंड एलवन डिफेंस एंड एरियोस्पेस कंपनी में इस बुलेट रेसिस्टेंट जैकेट पर काम शुरू हुआ। पिछले महीने केंद्र सरकार की ओर से अलीगढ़ आई सिक्योरिटी फोर्स की टीम ने इसका डेमो भी लिया है, जिसमें यह उम्मीदों पर शत-प्रतिशत खरी उतरी है। इसके बाद सैकड़ों पीस पर काम किया जा रहा है। विदेश से आने वाली बुलेट रेसिस्टेंट जैकेट कैबलियर सामग्री से तैयार होती है। वहीं, अलीगढ़ में बन रही जैकेट एडवांस मैटीरियल से तैयार हो रही है। शुरुआती चरण में तैयार जैकेटों में कारतूसों को रोकने के लिए सात परतें बनाई गई हैं। भविष्य में ये मल्टीपल लेयर वाली भी बनेंगी। छाती, गला, गर्दन, पेट सामने से सुरक्षित करने साथ दोनों साइड से भी सुरक्षा का प्रविधान इसमें किया गया है। यह जैकेट 9-एमएम कारतूस से लेकर एके-47 तक के कारतूस को निष्क्रिय करने में सक्षम है। विदेशी जैकेट लगभग 35 किग्रा वजन की होती है। इसके मुकाबले भारत में बनी जैकेट 15 से 18 किलो वजन की है।