खेरेश्वर स्थित गाँव लोहसरा मार्ग पर चल रही 108 कुंडीय महालक्ष्मी धन वर्षा महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा में यज्ञाचार्य भरत तिवारी ने चतुर्थ दिवस का महायज्ञ कराया जिसके बाद भागवत आचार्य इंद्रेश उपाध्याय जी ने आज पंचम दिवस में वृंदावन से पधारे अंतरराष्ट्रीय कथा प्रवक्ता इंद्रेश जी महाराज ने कहा जीव की अविद्या व्रती ( भगनी अज्ञान ) का विनाश ही पूतना वध है पूतना बन ठन के आयी तो परंतु उसे न अपने रूप का ही ज्ञान है ना ही ब्रह्मसरूप श्री कृष्णा के स्वरूप का ज्ञान है फिर भी कृष्णा के सम्मुख पहुँच गई। भगवान श्री कृष्ण ने पूतना की मुक्ति कर दी अतः इसी प्रकार अविद्या यानी अज्ञान ठाकुर जी के सानिध्य में नष्ट हो जाता है आधशुर वकाशूर का विनाश कर प्रभु ने बृजवासियों को माखन चोरी एवं अलूखन बंधन के माध्यम से परमानंद की अनुभूति करवायी…