अलीगढ़ में पहली बार हुआ कुछ ऐसा जिसे जिसने देखा उसने सराहया, कपिल वार्ष्णेय का सपना होता दिखा हकीकत में, असहाय बच्चें अब बन रहे है आत्मनिर्भर, और करते है सारे काम स्वयं। “पहल सुकून की” संस्था को कृष्णा टोला निवासी ” उपासना वार्ष्णेय” द्वारा सूचना मिली कि बच्चे व बड़ों के कपड़े उचित स्थिति में मौजूद है। जिसे रिक्शे वाले की मदद से वैदिक विहार स्थित पाठशाला सार्थी-2 पर पहुंचाया गया, व कुछ आत्मनिर्भर बच्चों द्वारा सभी जरूरतमंद बच्चों व बड़ों में वितरण किया गया। इस मौके पर सभी बच्चों द्वारा मिलजुल कर काम किया गया व कपिल द्वारा दी गई शिक्षा का सम्मान किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन पहल सुकून की परिवार के सभी बच्चों द्वारा हुआ।