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आईपीएल में एक नया ट्रेंड सामने आया है। टीवी को छोड़ विज्ञापनदाता डिजिटल की ओर रुख कर रहे हैं। बार्क इंडिया की टीवी रेटिंग में जहां पिछले साल पहले मैच में करीब 52 एडवरटाइजर्स ने टीवी पर विज्ञापन दिये थे। वहीं इस वर्ष मात्र 31 विज्ञापनदाता ही नजर आए। यानी 40 फीसदी विज्ञापनदाताओं ने टीवी ब्रॉडकास्टिंग से मुंह मोड़ लिया है,पिछले आईपीएल सीजन में टीवी पर विज्ञापन देने वालों की संख्या करीब 100 थी। टीवी इस बार 100 एडवरटाइजर्स का आंकड़ा छू पाएगा यह बेहद मुश्किल लगता है। टीवी पर प्रायोजकों की संख्या में भी कमी आई है, पिछले साल 16 प्रायोजक थे जो घटकर इस साल 12 रह गए। इन 12 में से भी एक प्रायोजक तीसरे मैच से जुड़ा है।टीवी एड रेवेन्यू के बड़े हिस्से पर डिजिटल ने कब्जा कर लिया है। 125 से अधिक विज्ञापनदाताओं ने टीवी की अनेदखी कर, डिजिटल एडवरटाइजिंग के लिए वायकॉम-18 से समझौते किए हैं। उनमें अमेजन, फोनपे, सैमसंग, जियोमार्ट, यूबी, टीवीएस, कैस्ट्रोल, ईटी मनी, प्यूमा, आजियो जैसी कंपनियां शामिल हैं।टीवी पर एडवरटाइजर कम हो रहे हैं, जाहिर है इसका सीधा असर टीवी ब्रॉडकास्टर के रेवेन्यू पर भी पड़ेगा। आईपीएल के रेवेन्यू के पूरे आंकड़े आने में अभी वक्त है, आईपीएल जैसे जैसे आगे बढ़ेगा तस्वीर और साफ होती जाएगी।

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