हिमाचल में 7 जुलाई से श्रीखंड महादेव यात्रा शुरू हो रही है। श्रीखंड महादेव यात्रा अमरनाथ यात्रा से भी कठिन है। अमरनाथ यात्रा के दौरान कई लोग यात्रा खत्म करने के लिए खच्चरों का सहारा लेते हैं लेकिन श्रीखंड महादेव की यात्रा में कोई खच्चर घोड़ा या पालकी नहीं जा सकती है। श्रीखंड महादेव हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के निरमंड में है।
आज यानी 7 जुलाई से हिमाचल में श्रीखंड महादेव यात्रा शुरू होकर 20 जुलाई तक आयोजित होगी। श्रीखंड महादेव यात्रा (Shrikhand Mahadev Yatra) को दुनिया की सबसे कठिन यात्राओं में से एक माना जाता है। कई लोगों का तो कहना है कि श्रीखंड महादेव यात्रा अमरनाथ यात्रा से भी कठिन है।
क्या अमरनाथ यात्रा से कठिन है श्रीखंड महादेव यात्रा ?
श्रीखंड महादेव की यात्रा में कोई खच्चर, घोड़ा या पालकी नहीं जा सकती है लेकिन अमरनाथ यात्रा के दौरान कई लोग यात्रा खत्म करने के लिए खच्चरों का सहारा लेते हैं | इसके साथ ही, अमरनाथ की चढ़ाई लगभग 13 हजार फीट है, लेकिन श्रीखंड महादेव की चढ़ाई 18 हजार फीट से भी ज्यादा है।
श्रीखंड महादेव का इतिहास महादेव से जुड़ा है
इतिहास देवों के देव महादेव से जुड़ा हुआ है। यात्रा का इतिहास काफी साल पुराना है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के रहने वाले लोग बताते हैं कि भस्मासुर ने तपस्या की, जिसके बाद उसे भगवान शिव से वरदान प्राप्त हुआ। वरदान प्राप्त कर भस्मासुर शिव जी को भी भस्म करना चाहता था। तब शिव जी इस जगह (श्रीखंड महादेव) आकर छिपे थे। बाद में भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार ने भस्मासुर को उसके द्वारा ही भस्म करवा दिया था। भस्मासुर के खत्म हो जाने के बाद महादेव गुफा से बाहर आए थे। लोगों का मानना है कि शिव जी आज भी एक शिला रूप में श्रीखंड महादेव में मौजूद हैं।
श्रीखंड महादेव कैसे पहुंचा जाता है ?
श्रीखंड महादेव पहुंचने के कई तरीके हैं। शिमला के रामपुर से कुल्लू के निरमंड होकर बागीपुल व जाओं तक कार व बस से जा सकते हैं। इसके बाद, 35 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर श्रीखंड महादेव के दर्शन किए जा सकते हैं।