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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत पंजीकृत बच्चों में हृदय दोष के लिए एक स्क्रीनिंग शिविर जिला अस्पताल, हरदोई में आयोजित किया गया,डॉ. शाद आबकरी, नोडल अधिकारी, आईपीसीसी, जिन्होंने अपनी टीम के सदस्यों और सहायक कर्मचारियों के साथ एक स्क्रीनिंग शिविर आयोजित किया, ने बताया कि बासठ बच्चों में जन्मजात हृदय दोष पाया गया और उन्हें इंटरडिसिप्लिनरी पीडियाट्रिक कार्डिएक सेंटर (आईपीसीसी), जेएन मेडिकल कॉलेज, एएमयू में आगे की कार्रवाई और आवश्यक कार्डियक सर्जरी/हस्तक्षेप के लिए रेफेर किया गया। शिविर में पंजीकृत 500 से अधिक बच्चों की इकोकार्डियोग्राफी की गई,सीएमओ हरदोई जिला अस्पताल द्वारा जेएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य व सीएमएस को भेजे गए आग्रह पर शिविर का आयोजन किया गया।डॉक्टरों की टीम में डॉ. मो. मोआज किदवई, अनवर सिद्दीकी, डीईआईसी-सीओई प्रबंधक, और इबादुल्ला खान, डाटा एंट्री ऑपरेटर (आईपीसीसी) शामिल थे।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार की वित्तीय सहायता से आईपीसीसी में जटिल कार्डियक सर्जरी और हस्तक्षेप निःशुल्क किया जाता है,एएमयू की पीडियाट्रिक कार्डियक यूनिट उत्तर प्रदेश के सार्वजनिक क्षेत्र के अस्पताल में एकमात्र ऐसी इकाई है, जो समाज के वंचित वर्ग के बच्चों और अभिभावकों को आशा की किरण प्रदान करती है।लगभग चार वर्षों की अल्प अवधि में, कोविड-19 महामारी लॉकडाउन के बावजूद, यूनिट ने 2584 हृदय दोष वाले बच्चों को पंजीकृत किया और 1042 जटिल कार्डियक सर्जरी/कार्डियक इंटरवेंशन किए।प्रो राकेश भार्गव, प्रिंसिपल और सीएमएस, और प्रो कामरान अफजाल, संयोजक, आईपीसीसी ने टीम के सदस्यों को इस नेक कम्युनिटी आउटरीच प्रोग्राम के लिए बधाई दी।

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