
राजभवन ने एसवी कॉलेज में शैक्षिक सत्र 2023-24 से स्नातक स्तर पर बीबीए, बीसीए, स्नातकोत्तर स्तर पर रक्षा एवं रणनीतिक अध्ययन, वनस्पति, जंतु विज्ञान व कंप्यूटर विज्ञान पाठ्यक्रम शुरू कराने का आदेश आरएमपीयू प्रशासन को दिया था। आदेश का अनुपालन एक सप्ताह में शर्तों के साथ हो सका है।राजभवन के आदेश के बाद आज आरएमपीयू के कुलपति ने वार्ष्णेय महाविद्यालय, अलीगढ़ पर शासन को कंट्रोलर बैठाने को पत्र लिखा है,कुलपति ने अपने पत्र में लिखा है कि श्री वार्ष्णेय महाविद्यालय प्रबन्ध समिति का चुनाव दिनांक 22.12.2022 को कराया गया, महाविद्यालय को संचालित करने वाली सोसायटी द्वारा चुनाव से पूर्व चुनाव कराने हेतु विश्वविद्यालय से पर्यवेक्षक नामित किये जाने हेतु मांग की गयी थी। विश्वविद्यालय द्वारा अंकित किया गया है कि प्रबन्ध समिति के सम्बन्ध में रिट संख्या-10622 / 2021 उच्च न्यायालय इलाहाबाद में विचाराधीन है ऐसी स्थिति में चुनाव कराया जाना अविधिक होगा। उसके उपरान्त भी महाविद्यालय द्वारा प्रबन्ध समिति का चुनाव कराया गया और पत्रावली अनुमोदन हेतु विश्वविद्यालय में प्रेषित कर दी गयी।विश्वविद्यालय द्वारा प्रबन्ध समिति के निर्वाचन की वैधता की जाँच न्यायामूर्ति के०डी० शाही, (सेवानिवृत्त) उच्च न्यायालय इलाहाबाद की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जाँच समिति का गठन किया गया। जाँच समिति द्वारा विस्तृत जांचोपरान्त अपनी जाँच आख्या विश्वविद्यालय में सीलबन्द लिफाफे में प्रस्तुत की गयी, जिसे विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक दिनांक 20.07.2023 में प्रस्तुत किया गया। कार्य परिषद द्वारा व्यापक विचार विमर्श उपरान्त सर्वसम्मति से श्री वार्ष्णेय महाविद्यालय अलीगढ़ की प्रबन्ध समिति के चुनाव दिनांक 22.12.2022 को अमान्य करते हुये प्रबन्ध समिति अनानुमोदित किये जाने तथा प्राधिकृत नियन्त्रक नियुक्त किये जाने हेतु शासन से अनुरोध किये जाने का निर्णय लिया गया,वही कुलपति के पत्र पर श्री वार्ष्णेय महाविधालय के सेक्रेटरी सीए गौरव वार्ष्णेय ने कहा कि कुलपति ने श्री वार्ष्णेय महाविधालय द्वारा आवेदित 6 कोर्सों को मान्यता नही दी जिसके बाद श्री वार्ष्णेय महाविधालय समिति ने शासन में अपील दायर की और शाशन ने 6 नए कोर्सों श्री वार्ष्णेय महाविधालय को दिए जाने की संस्तुति की।6 नए कोर्स का शासन से 21 जुलाई को पत्र आने के बाद भी कुलसचिव ने 7 दिन बाद यानी 28 जुलाई को कोर्सों की अनुमति प्रदान की है।यह उनकी हटधर्मिता को दर्शाता है।कुलसचिव एवं कुलपति साहब जिस रिट संख्या का उल्लेख कर रहे है वह रिट उच्च न्यायालय में 16 मई 2022 को निस्तारित हो चुकी है।और श्री वार्ष्णेय महाविधालय का चुनाव 22 दिसंबर 2022 को संपन्न हुआ है।उन्होंने अपने पत्र में आब्जर्वर न मांगे जाने का जिक्र किया है।जबकि चुनाव अधिकारी ने चुनाव से पहले आब्जर्वर की मांग की थी जिसे कुलपति ने उच्च न्यायालय का हवाला देते हुए ठुकरा दिया था।लगता है की कुलपति अलीगढ़ में स्थित सेल्फ फाइनेंसिंग के कॉलेज को बड़ाबा देने के लिए सरकारी कॉलेज के साथ अपनी मनमानी करने पर उतारू है।और ये मनमानी उनकी मानसिकता को दर्शाता है कि वह अपने को स्वंभू समझते हुए न्यायसंगत कार्य न करने पर आमदा है।