राष्ट्र सेविका समिति का सात दिवसीय समिति शिक्षा वर्ग सरस्वती विद्या मंदिर, खैर मार्ग ( हरिगढ़ ) मे चल रहा है। भयकर सर्दी मे भी सेविकाओं का जोश कम नहीं हो रहा है। पांच विभागों से 246 सेविकाओं का प्रशिक्षण इस बात का प्रमाण है कि भारत को भूमि न मान कर हम सभी इसको मातृभूमि मानकर इसकी सेवा करते हैं। इसी क्रम मे कल विभाग प्रचारक गोविंद का मार्गदर्शन सभी सेविका बहनों को प्राप्त हुआ। गोविंद ने अपने मार्गदर्शन में कहा कि भारतीय संस्कृति में जड़चेतन भगवान का अंश है इसलिए हम किसी ना किसी रूप में जीव जंतु वानस्पतिक आदि सभी कि पूजा करते है। यही हमारी भारतीय संकल्पना है जिसमें मनुष्य का उत्थान मन, बुद्धि, आत्मा के साथ बताया गया है। जबकि पश्चिमी सभ्यता की सोच शरीर तक ही सीमित है। अतः हम सभी को अपने मन के उत्थान के लिए प्रयासरत होना चाहिए।