अलीगढ़ आये केरल के राज्यपाल आरिफ मो. खान ने कहा कि स्व. कल्याण सिंह को लोग नेता के रूप में नहीं बल्कि समाज सुधारक के रूप में देखते थे। कल्याण सिंह लोगों का विश्वास थे। हजार नहीं बल्कि लाखों लोगों की उम्मीद हुआ करतेवथे। उन्होंने हमेशा समाज से सामाजिक, आर्थिक विषमताओं को समाप्त करने की दिशा में काम किया। यह उत्सव उनकी ख्वाहिशों का मनाया जा रहा है। इसके अलावा एएमयू संस्थापक सर सैयद को केरल के राज्यपाल ने याद किया। ऑल इंडिया सर सैयद मेमोरियल सोसाइटी की ओर से शनिवार को अलीगढ़ के लाल डिग्गी स्थित कल्याण सिंह हैबिटेट सेंटर के आडिटोरियम में स्व. कल्याण सिंह की जयंती पर समारोह का आयोजन किया गया। इसमें केरल के राज्यपाल आरिफ मो. खान, एटा सांसद राजवीर सिंह राजू, जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह समेत कई अन्य नेता शामिल हुए। केरल के राज्यपाल ने कहा कि कल्याण सिंह से दोस्ती 1977 में विधानसभा में हुई थी। वह किसी एक मजहब व वर्ग के लिए नहीं जीते थे। वह सर्व समाज को एक नजरिए से देखते थे। आवाम उनको उम्मीद के रूप में देखती थी। राज्यपाल ने कहा कि देश में विषमताएं तब भी थीं और आज भी हैं। लेकिन उनको खत्म करने के लिए संकल्पित होना होगा। एएम यूसंस्थापक सर सैयद के बारे मेंवबोलते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा आधुनिक शिक्षा का सपना देखा। शिक्षा व समानता उनका मुख्य उद्देश्य था। अंग्रेजों ने सर सैयद को बिजनौर के चांदपुर की तालुकदारी सौंपी थी, लेकिन उन्होंने इसको ठुकरा कर समाज के उत्थान को आगे बढ़े। विदेश जाने का इरादा त्यागा। यह कुदरत का फैसला है। संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर राज्यपाल ने कहा कि मुस्लमानों को भारत में डरने की जरूरत नहीं है अर्थलोग गलत निकाल रहे हैं। मोहन भागवत के बयान का मतलब था कि आज जो हमारा संविधान है, हमारा आचरण उसके अनुकूल होना चाहिए। सर सैयद भी यह कहतेब थे कि राष्ट्रीयता को धार्मिक पहलुओं से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।