मोदी उपनाम के लेकर राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे मानहानि के मामले में सूरत की सेशन कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने राहुल को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है. इस फैसले के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता पर भी संकट गहरा गया है.

गुजरात की सूरत सेशन कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी को चार साल पुराने एक बयान पर दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है.कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत तो दे दी है, लेकिन दो साल की सजा होने की वजह से उनकी लोकसभा सदस्यता पर संकट गहरा गया है. राहुल गांधी को ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिलती है तो उन्हें क्या अपनी सदस्यता गवांनी पड़ सकती है?
असल में , जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई है तो ऐसे में उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाएगी. इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी होते हैं.
बयान बना मुसीबत
साल 2019 में राहुल गांधी ने एक बयान कर्नाटक में दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’ राहुल के इसी बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था. सूरत के सेशन कोर्ट ने गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई है….
क्या राहुल की जाएगी सदस्यता?
सेशन कोर्ट के फैसले की कापी को अगर प्रशासन लोकसभा सचिवालय को भेज देता है तो इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष उसे स्वीकार करते ही राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म हो जाएगी. राहुल गांधी को दो साल की सजा हुई है, जिसके बाद छह साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इस तरह से राहुल गांधी अब कुल आठ साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे |