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चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया है। इसरो ने ट्वीट कर जानकारी दी है। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 का अगला ऑपरेशन 6 अगस्त 2023 को लगभग 2300 बजे के लिए निर्धारित है। बता दें कि चंद्रयान-3 14 जुलाई को लॉन्च हुआ था। इसके बाद से ही अंतरिक्ष यान चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर चुका है। सबकुछ ठीक रहा तो 23 अगस्त को ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करवाई जाएगी

चंद्रयान 3, एक अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से ऊपर उठाया गया था और चंद्रमा की ओर बढ़ाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया गया था । यान को ‘ट्रांसलूनर कक्षा’ में डाला गया था। पिछले महीने हुई लॉन्चिंग के बाद से अब तक चंद्रयान-3 को कक्षा में ऊपर उठाने की प्रक्रिया पांच बार पूरी की जा चुकी है। चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किए जाने से पहले यान पृथ्वी का चक्कर लगा चुका है।

भारत का तीसरा चंद्र मिशन है चंद्रयान-3 । इस बार भी वैज्ञानिकों का टारगेट चंद्रमा की सतह पर लैंडर को सॉफ्ट लैंड कराना है। चार साल पहले 2019 में चंद्रयान-2 मिशन आखिरी वक्त में विफल हो गया था। तब अंतिम क्षणों में लेंडर ‘विक्रम’ के पथ विचलन के चलते सॉफ्ट लैंडिंग नहीं करवाई जा सकी थी। इसी वजह से इसरो ने इस बार चंद्रयान-3 में कई तरह के बदलाव भी किए हैं। यदि सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिलती है तो भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों की लिस्ट में आ जाएगा।

चंद्रयान-3 मिशन में इसरो ने एक स्वेदशी प्रणोदन मॉड्यूल, रोवर, लैंडर को शामिल किया है। यह चंद्रमा की सतह पर उतरकर वहां मौजूद चीजों के बारे में पता लगाएगा। यदि यह मिशन सफल रहता है तो न सिर्फ भारतीय वैज्ञानिकों को, बल्कि पूरी दुनिया के साइंटिस्ट्स के लिए चांद को समझने में मददगार साबित होगा।

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