जैसे ही चाँद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हुई वैसे ही भारतवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। इस वैज्ञानिक मिशन की कामयाबी पर हर्ष व्यक्त करते हुए डॉ. नागेश वार्ष्णेय ने कहा कि इस चंद्रयान मिशन से हमारा देश भारत विश्व का एकमात्र देश हो गया है। जिसने चाँद के दक्षिणी पोल पर सफलतापूर्वक अपना चंद्रयान उतारा है। पिछली कमियों से सीखते हुए इस बार हमारे वैज्ञानिक अवश्य सफल रहे। आज का दिन भारत और दुनिया के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों मे अंकित रहेगा एवं सदैव याद रहेगा। इस अभियान में लगे सभी वैज्ञानिकों को बहुत बहुत बधाई के पात्र हैं। सम्पूर्ण विश्व मे भारत विश्वगुरु बनता जा रहा है। यह सब हमारे वैज्ञानिकों के कठिन परिश्रम का फल है। 23 अगस्त का दिन मिशन मून के इतिहास मे स्वर्ण अक्षरों मे लिखा जाएगा। इस मौके पर अंशुल गैस, केशव गुप्ता, महेश महाराजा, गीतेश सिंह, मुकुल आई, अभिषेक तोमर, अभिनव जैन, विकास सैनी, नागेश वार्ष्णेय ने सरकार से मांग भी को भारत में इस तरह के वैज्ञानिक कार्यक्रम की शुरुआत करने वाले विक्रम साराभाई और होमी जहांगीर भाभा को भारत रत्न दिया जाए।