लोधा थाना क्षेत्र के गांव करेलिया में सोमवार शाम को दो भट्टा मजदूर सेही का शिकार करने के दौरान मिट्टी की धाय धंसने के चलते दब गए। इनका एक साथी घटना में बच गया। उसने भट्टे के अन्य मजदूरों को मौके पर बुला लिया। हालांकि जब वह सफल नहीं हुए तो देर रात को थाना पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस टीम मौके पर एक जेसीबी लेकर पहुंची। देर रात तक राहत कार्य जारी रहा। एसपी सिटी, सीओ गभाना भी मौके पर देर रात को पहुंच गए।
गोंडा इलाके के डिग्सी गांव में संचित शर्मा का मां वैष्णो ईंट उद्योग के नाम से ईंट भट्टा संचालित है। यहां बिहार के गया जिले का 42 वर्षीय प्रिंस और इसका तहेरा भाई 40 वर्षीय धर्मेंद्र अपने एक साथी अर्जुन के साथ सेही का शिकार करने करेलिया गांव के जंगल में चले गए। वहां सेही को देख उसके पीछे दौड़ने लगे। सेही अपने बिल में घुस गई। मजदूरों ने बिल में डंडा घुंसा दिया। इससे मिट्टी की धाए धंस गई और धर्मेंद्र व प्रिंस दब गए। अर्जुन तत्काल ईंट भट्टे पर दौड़कर गया। वहां से मजदूरों को लेकर आया। देर रात 10 बजे तक उन्होंने खुद से दोनों को निकालने का प्रयास किया। असफल होने पर ईंट भट्टा संचालक को सूचना दी। भट्टा संचालक की सूचना पर थाना लोधा इंस्पेक्टर आदित्य कुमार यादव अपनी टीम के साथ पहुंचे। मौके पर जेसीबी बुलाई गई। आदित्य यादव के मुताबिक देर रात तक मिट्टी को हटाने का काम जारी रहा। हालांकि मजदूर नहीं मिल सके।
कोहरा बना राहत कार्य में बाधा
सोमवार देर रात को कोहरा छा गया। इसके चलते राहत कार्य भी बाधित हो गया। इधर, जेसीबी को भी ध्यान से चलाया गया। पुलिस ने सख्त हिदायत दी कि जेसीबी के पंजे से दबे हुए मजदूर घायल न होने पाएं।