अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कार्डियोथोरेसिक सर्जनों की एक टीम ने अलीगढ निवासी 10 वर्षीय लड़के कनिष्क की हृदय की जन्मजात विसंगति को ठीक करने के लिए जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जो बाद में ठीक हो गया और उसे पूर्णरूप से स्वस्थय होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई,कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद आजम हसीन, जिन्होंने डा शमायल रब्बानी और डा. गजनफर के साथ डॉक्टरों की टीम का नेतृत्व किया, ने कहा कि कनिष्क खाते समय या रोते समय नीला पड़ जाता था और उसका वजन नहीं बढ़ रहा था, जिसके लिए उसके माता-पिता ने कई स्वास्थ्य केंद्रों से परामर्श किया लेकिन उन्हें कोई रहत नहीं मिली। बाद में जेएन मेडिकल कालिज के डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर के माध्यम से, उन्होंने इंटर-डिपार्टमेंटल पीडियाट्रिक कार्डियक सेंटर (आईपीसीसी), एएमयू में बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शाद अबकारी और डॉ. मआज किदवई से परामर्श लिया जिन्होंने हृदय की एक जटिल जन्मजात विसंगति का पता लगाया जिसमें हृदय में छेद के साथ केवल तीन चैम्बर्स दिखे, जबकि चैथा चैम्बर विकसित ही नहीं हुआ था।कार्डियक रेडियोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. महताब अहमद ने उसकी कार्डियक सीटी कर उसकी समस्या की सटीक शारीरिक प्रकृति को और अधिक स्पष्ट कर दिया।प्रोफेसर हसीन ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) द्वारा जेएनएमसी को दिए गए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत सर्जरी दो चरणों में, पहली 2021 में और दूसरी जुलाई 2023 में, मुफ्त की गयी।डॉ. गजनफर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आरबीएसके के तहत जेएनएमसी में 500 से अधिक मुफ्त कार्डियक सर्जरी की गई हैं,आईपीसीसी के नोडल अधिकारी, डॉ. शाद अबकारी ने कहा कि जेएनएमसी में उन बच्चों की एक लंबी प्रतीक्षा सूची है जिन्हें हृदय संबंधी हस्तक्षेप की आवश्यकता है क्योंकि उत्तर प्रदेश में जटिल बाल चिकित्सा सर्जरी करने वाले कुछ ही केंद्र हैं,प्रोफेसर वीणा महेश्वरी, डीन, मेडिसिन संकाय और प्रोफेसर हारिस मंजूर, प्रिंसिपल और सीएमएस, जेएनएमसीएच ने कनिष्क की सर्जरी में शामिल टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व का क्षण है क्योंकि कई बाधाओं के बावजूद, जेएनएमसी के डॉक्टर ऐसी तकनीकी रूप से कठिन और महंगी सर्जरी मुफ्त में कर रहे हैं।