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अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेस-2 के तहत ग्राम प्रधानों की बैठक का आयोजन कलैक्ट्रेट सभागार में किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने भरतपुर की ग्राम प्रधान नीलम सिंह के सम्मान में तालियां बजवाई। उन्होंने कहा कि जनपद के अन्य ग्राम प्रधानों के लिए नीलम सिंह रोल मॉडल के रूप में हैं। वह भी इसी तरह से कार्य करते हुए देश भर में अपना और गांव का नाम रोशन कर सकते हैं,जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि ग्राम प्रधान नीलम सिंह ने जिस प्रकार से स्थानीय एवं शासकीय मंशा के अनुरूप जनहित में अच्छे कार्य करते हुए भरतपुर का नाम देश भर में रोशन किया है, उन से प्रत्येक ग्राम प्रधान को सीख लेनी चाहिए। आज लोग गांव से निकलकर शहरों में बस रहे हैं। यदि गांवों में शहरी सुविधाएं उपलब्ध हों तो लोग गांव में ही रुकेंगे। आज भी गांव से अच्छा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि जब कमान आपके हाथ में हैं तो फिर समस्या कहां है। एक बार आप जब प्रधान के रूप में चयनित हो गए हैं, तो दलगत, जातिगत, समाजगत भावना से ऊपर उठकर एक समान स्वीकार्यता से विकास कार्य कराएं। जब आप खुली बैठक के माध्यम से सही दिशा में कार्य करेंगे, तो नाराज लोग भी खुश रहेंगे और गांव का विकास होगा। अगले 5 वर्ष बाद हो सकता है फिर आपको मौका मिले। उन्होंने बिहार राज्य के लगनशील व्यक्ति दशरथ माँझी की लगन, कठोर परिश्रम और एकाग्रता का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने एक छेनी-हथौड़े की मदद से 360 फुट लम्बी, 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊँचे पहाड़ को काटकर रास्ता बना दिया। आज लोग उन्हें माउंटेन मैन के नाम से भी जानते हैं। उन्होंने कहा कि मांडल गांव बनाने के लिए एक बहुत बड़ी मशीनरी आपका सहयोग कर रही है। अगर हम कुछ बातों को अपना लें तो हम गांव को शहरों से कहीं बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि आप ग्राम वासियों से संवाद कर विभिन्न प्रकार के नवाचार कर सकते हैं। नए-नए विचारों को धरातल पर ला सकते हैं। ग्राम में सफलता की कहानी गढ़ सकते हैं।

By admin

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