जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय शरद मेले का फीता काटकर उद्घाटन किया। मेले में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा कच्चे माल एवं अनुपयोगी सामानों से तैयार किये गये उत्पादों को प्रदर्शन एवं बिक्री के लिये रखा गया है। मेले में विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री यथा- अचार, मुरब्बा, देशी घी भी उपलब्ध हैं। डीएम इन्द्र विक्रम सिंह ने उद्घाटन के उपरान्त कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा है कि महिलाओं की आय में वृद्धि हो ताकि वह अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पूरे मान-सम्मान के साथ अपने घर के भरण-पोषण में सहयोग कर सकें।उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्वाबलम्बी एवं आर्थिक रूप से उन्नत बनाने के लिये शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। समूह की महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर बैंक की मदद से स्वरोजगार की स्थापना एवं इकाईयों के संवर्धन, सफल संचालन एवं विस्तार के लिये भी ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। ग्रामीण एवं शहरी महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गये उत्पादों की आज यहा प्रदर्शनी लगाई गयी है। उनको बेहतर बाजार उलब्ध कराने के लिये नाबार्ड के साथ-साथ स्वयं सेवी संगठनों की भी मदद ली जा रही है। उन्होंने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा है कि जवाहर भवन में आयोजित तीन दिवसीय मेले में आकर हस्त निर्मित उत्पादों को खरीदकर समूह की महिलाओं को स्वाबलम्बी एवं आर्थिक रूप से मजबूत करने में मदद करें।मुख्य विकास अधिकारी अंकित खण्डेलवाल ने बताया कि स्वयं सहायता समूह के गठन एवं इस प्रकार की प्रदर्शनी लगाने का उद्देश्य महिलाओं की आय में वृद्धि करते हुए उनकी सालाना आय 01 लाख या उससे अधिक करना है। सरकार का मानना है कि यदि ग्रहणी साल में कम से कम 01 लाख रूपये की आय करती है तो वह अपने परिवार भीर अच्छे से उठा सकती है। इसके लिये सरकार द्वारा तकनीकी प्रशिक्षण और बैंक से ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है।