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देहदान कर्तव्य संस्था से प्रेरणा लेकर महानगर मे नेत्रदान के लिए जागरूकता बढ़ती जा रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण है। देहदान कर्तव्य संस्था द्वारा आज 35 वां सफल नेत्रदान कराकर दो व्यक्तियों की दुनिया को रंगीन होने का मौका मिला है। देहदान कर्तव्य संस्था के सदस्य भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक के अनुसार आज सुबह देहदान कर्त्तव्य संस्था के अध्यक्ष डॉ एस के गौड़ के पास सी ए अनिल वार्ष्णेय का फोन आया कि डॉ सुनील मित्तल के पिता 89 वर्षीय इंजीनियर जे डी मित्तल निवासी लेखराज नगर का नेत्रदान होना है। डॉ गौड़ ने अमुवि के नेत्र विभाग के साबिर व डॉ जिया सिद्दीकी से सम्पर्क किया उन्होंने बरसात होने के वाबजूद अविलम्ब टीम भेजी और सौहार्दपूर्ण वातावरण में सफलता पूर्वक नेत्रदान हो गया। जिससे दो लोग रंगीन दुनिया देख पायेंगे। यह कदम जे एन मैडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग द्वारा काफी लम्बे समय बाद उठाया गया। टीम में प्रोo अदीब आलम, डॉ जिया सिद्दीकी, डॉ शाकिब, डॉ महफ़ूज़, डॉ संजय, डॉ सना मरियम, डॉ आशिक, शमीम सहयोगी रहे। इस अवसर पर डॉ. राहुल बहुव्नेश् वार्ष्णेय आधुनिक, डॉ. अवंजला वार्ष्णेय , डॉ डी के वर्मा, अजय राणा सहयोगी रहे।

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