आज राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग ओबीसी मोर्चा ने किया भारत बंद का ऐलान। ओबीसी मोर्चा के पदाधिकारियों ने अलीगढ़ के घंटाघर पार्क से जिला कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकालकर अपना आक्रोश व्यक्त किया और अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा।जानकारी देते हुए मदन कश्यप ने बताया कि कृष्णमूर्ति बनाम भारत सरकार के मामले में 11 मई 2010 एवं विकास किशनलाल गवली बनाम भारत सरकार के मामले में दिनांक 4 मार्च 2021 को माननीय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दी गई गाइडलाइन के अनुसार उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू न करने के कारण 27 दिसंबर 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने ओबीसी आरक्षण के बगैर ही निकाय चुनाव कराने के आदेश दिए थे। जिस पर माननीय सुप्रीम ने स्थगन आदेश दिया हुआ है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन पर अमल न करके ओबीसी आरक्षण की समाप्त करने का षड्यंत्र करना भाजपा की ओबीसी विरोधी मानसिकता का परिचायक है। इसलिए उत्तर प्रदेश में ओबीसी के साथ न्याय करते हुए पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण बहाल किया। वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 27 सितंबर 2022 के ही अपने निर्णय में ट्रांसजेंडर को भी ओबीसी में शामिल करने के आदेश दिए हैं। पहले से ही ओबीसी को संख्या के अनुपात में पर्याप्त हिस्सा नहीं मिल रहा है इसके बावजूद ओबीसी में ट्रांसजेंडर को शामिल करने से ओबीसी की हकमारी और अधिक होगी। इसलिए हमारी मांग है कि ट्रांसजेंडर को ओबीसी में डालने के बजाय उनके लिए अलग से कोटा निर्धारित किया जाए ताकि ओबीसी और ट्रांसजेंडर दोनों के साथ न्याय हो सके।