
डॉ गौड़ ने कहा इस महान कदम से दो व्यथित लोगोँ की दुनियाँ तो रंगीन हुई साथ ही पीतल परिवार की प्रसिद्धि में चार चाँद लगे। लोगोँ का आह्वान करते हुए कहा कि जलाने से कोई लाभ नहीं, हाँ दानी बनने से दो लोगों के सहयोगी बन जाओगे। डॉ गौड़ ने कहा कि दिवंगत आत्मा को शान्ति हेतु सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम सभी नेत्रदान हेतु संकल्पित हों। सभी अपना नम्बर देते हुए कहा कि आप केवल इस पर कॉल कीजिए बाकी काम संस्था करेगी। सुखद यह रहा कि अनेकों लोगों ने जागरूक हो नम्बर नोट किया। डॉ गौड़ ने परिवार को सम्वेदना व्यक्त करते हुए साधुवाद कहा।
इस अवसर पर भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक , नवीन पीतल , हरित गुप्ता पीतल , सुमित गुप्ता पीतल , सत्यनारायण दीक्षित, दिलीप वार्ष्णेय सहयोगी बने।