देहदान कर्त्तव्य संस्था ने नेत्रदान पखवाड़े के पहले दिन संस्था के सहयोग से नेत्रदान हुआ है। देहदान कर्तव्य संस्था के सदस्य भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक के अनुसार देहदान कर्तव्य संस्था अध्यक्ष डॉ. एसके गौड़ को प्रातः 2:28 बजे वयोवृद्ध होम्योपैथ समाज सेवी डॉ. डीके वर्मा का फोन आया कि ऊपरकोट निवासी पंकज वार्ष्णेय उर्फ अखिलेश का नेत्रदान होना है। डॉ. एसके गौड़ ने तुरंत जेएन मैडिकल कॉलेज नेत्र विभाग के डॉ. शाकिब व मुहम्मद साबिर को सम्पर्क किया। पंकज वार्ष्णेय अखिलेश की धर्मपत्नी प्रधानाचार्य साधना वार्ष्णेय ने बताया कि उनके पति की अंतिम इच्छा नेत्रदान की थी। पारिवारिक व पड़ोसी को संबोधित करते हुए डॉ. एसके गौड़ ने कहा कि यही एक विशिष्ट पूजा व सामाजिक सेवा का सरल तरीका है जिसमें परिवार का कुछ भी नहीं खोता। बल्कि दो लोगों की जिंदगी रोशन कर मानवीयता का उदाहरण बन अदृश्य रूप से जीवित रहने का अद्भुत तरीका है। डॉ गौड़ ने वार्ष्णेय परिवार का संस्था की ओर से हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए साधुवाद कहा। क्योंकि अद्वितीय व साहसिक कदम लाखों से अलग हट रूढ़ीवादिता दरकिनार कर उठाया गया। इस सफल मानवीय प्रयोजन में डॉ. एसके गौड़, डॉ. डीके वर्मा, प्रोफेसर एके अमिताभ, डॉ. जिया सिद्दीकी, भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक, एडवोकेट सौरभ अग्रवाल, मयूर वार्ष्णेय, साधना वार्ष्णेय, हर्षवर्धन वार्ष्णेय, देवाशी वार्ष्णेय आदि सहयोगी बने।