श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ – चतुर्थ दिवस
केला गोदाम के प्रांगण में, गुरु रामदास नगर, निकट सूतमील चौराहा, जी०टी०रोड़, अलीगढ़ में 9 जनवरी से 15 जनवरी दोपहर 12 से सायं 4 बजे तक आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस पर भगवान की अनना लीलाओं में छिपे गूढ आध्यात्मिक रहस्यों को कथा प्रसंगों के माध्यम से उजागर करते हुए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचाल आशुतोष महाराज की शिष्या भागवताचार्या महामनस्विनी विदुषी सुश्री पद्महस्ता भारती ने बाल-लीला के विभि प्रसंगों के आध्यात्मिक अर्थ को समझाया।साध्वी जी ने बताया कि प्रभु हमें समझाना चाहते हैं- सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। इसलिए असार संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साध्न और सामर्थ्य को अपव्यय करने की अपेक्षा हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण सम्भव है ।साध्वी जी ने होली महोत्सव की भी चर्चा करते हुए कहा कि जीवन की कालिमा सुंदर भक्ति रंग से ही दूर की जा सकती है। इसके पश्चात संस्थान के प्रेजिडेंट स्वामी अदित्यानंद ने भी सभी श्रद्धालुओं को भगवान की अनन्य लीलाओं को तर्कों के साथ समझाया. युवा दिवस के शुभ अवसर पर स्वामी जी ने युवाओं के लिए अनेकोनेक प्रेरणादायी विचार दिए. कथा में विशिष्ठ अतिथि प्रमोद कुमार सिंह (जेलर,जिला कारागार अलीगढ़),एवं अनिल पाराशर(एम०एल०ए०,अलीगढ़)शामिल हुए।कथा के मुख्य यजमान- प्रदीप कुमार सिंघल सत्येन्द्र कुमार रावत , सत्यदेव गौतम , मीरा शर्मा, विष्णु कुमार वार्ष्णेय भी उपस्थित रहे।