
श्री गुरु पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर भारतीय शिक्षण मंडल हरिगढ़ के द्वारा गुरु व्यास पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया । कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रोफेसर इंदु वार्ष्णेय पूर्व प्राचार्य रामेश्वर दयाल कन्या महाविद्यालय हाथरस वर्तमान आचार्य धर्म समाज महाविद्यालय अलीगढ़ द्वारा गुरु शिष्य विषय पर उद्धबोधन रहा । कार्यक्रम की अध्यक्षता त्रिलोकी नाथ गॉड ने की। कार्यक्रम में डॉ प्रदीप कुमार आयुर्वेदिक चिकित्सक पुलिस लाइन हरिगढ़, जिला युवा आयाम प्रमुख डॉ आयुष गौड़, कोषाध्यक्ष हरिगढ़ जनपद, डॉ सौरभ माहेश्वरी भारतीय शिक्षण मंडल, सदस्य डॉ शुभिका सभी का प्रधानाचार्य राजकीय कन्या इंटर कॉलेज कलाई (अलीगढ़) और संस्थान की संस्थापिका अर्चना गौड़ उपस्थिति रही।कार्यक्रम का संचालन भारतीय शिक्षण मंडल ब्रज प्रांत संपर्क प्रमुख डॉ मुकेश शर्मा के द्वारा किया गया। डॉ आयुष द्वारा ध्येय श्लोक का वाचन किया गया एवं डॉ शुभिका ने भारतीय शिक्षण मंडल का ध्येय वाक्य का वाचन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रोफेसर इंदु वाष्णेय द्वारा अपने उद्ब बोधन में गुरु पूर्णिमा पर प्रकाश डालते हुए शिक्षक तथा गुरु के मध्य अंतर बताते हुए। गुरू शिष्य परंपरा से अवगत कराया। आज के समय की परीक्षा केंद्रित शिक्षा हमारी संस्कृति का अंग नहीं है। रामायण तथा महाभारत में भी गुरु ने क्षमता अनुसार अपने शिष्यों को शिक्षित किया।
अच्छा गुरु वही है जो अपने शिष्य से अच्छे संस्कारों की नींव रखते हैं । प्राचीन समय में गुरु अपने सर्वज्ञ ज्ञान से अपने शिष्य को शिक्षित करते थे । कार्यक्रम में संस्थान के सभी शिक्षकों का भारतीय शिक्षण मंडल के द्वारा पटका पहनकर गुरु पूजन किया गया। संस्थान के डायरेक्टर डॉ आयुष गौड़ ने प्रोफेसर इंदु वार्ष्णेय को प्रतीक चिन्ह देकर उनका सम्मान किया। कार्यक्रम संयोजक डॉ मुकेश शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।