दो या दो से अधिक लोगों के बीच किसी भी तरह का अंतर विविधता कहलाता है। भारतीय समाज में विविधता में एकता एक अभिव्यक्ति है। विविधताओं वाले हमारे देश में जाति, पंथ, रंग और वर्ण , भौतिक, सांस्कृतिक, भाषाई और राजनीतिक मतभेद भी शामिल हैं। एकता का अर्थ नागरिकों के एक समूह को सभी नागरिकों के साथ सम्मान पूर्वक संबंध बनाए रखना। इसलिए यदि हम इन दोनों शब्दों को एक साथ मिलाते हैं, तो इससे विविधता में एकता का सुंदर अर्थ बनता है। भारत देश में अनेक धर्मों, परंपराओं, भाषाओं और संस्कृतियों में कई ऐसे मतभेद तीव्र हो गए हैं जिसके कारण भारतीय समाज में मनभेद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। विभिन्न जातियों और संस्कृतियों से संबंधित लोगों को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण बनाए रखना एवं सभी का समान सम्मान भारतीय संस्कृति की परंपरा है। शांति और राष्ट्रहित की भावना के बिना राष्ट्रीय विविधता किसी काम की नहीं है। हमारे राष्ट्र की सुंदर विविधता को एकता में सुरक्षित रखना सरकार और भारत के प्रत्येक नागरिक का सामान्य कर्तव्य है। भारत देश में 29 राज्य, 1500 भाषाओं, 6400 जातियों, लगभग 6 धर्मों और 29 प्रमुख त्योहारों का देश है, जिसमें बहुत सारी विविधताएं अलग-अलग दिशाओं, लोगों और संस्कृतियों में विभाजित हैं। साहित्य समाज का दर्पण है। परंपराएं सभी स्थिर और अपरिवर्तनीय हैं। परंपराएं समय और जागरूकता के साथ बदलती रहती हैं।