मंगलायतन विश्वविद्यालय, अलीगढ़ व एसोसिएशन ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड फार्मेसी (एबीएपी) के संयुक्त तत्वावधान में 18 वां वार्षिक अधिवेशन और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन होगा। जिसमें बायोफार्मास्यूटिकल्स और ट्रांसलेशन रिसर्च में उभरते रुझान एवं मानव स्वास्थ्य के लिए अनुसंधान विषय पर चर्चा होगी। यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन युवा वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं के साथ-साथ आम लोगों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। सम्मेलन में भारत के विभिन्न प्रदेशों के साथ ही यूएसए, कोलंबिया, तंजानिया, नेपाल आदि देशों के वैज्ञानिक भाग लेंगे। यह जानकारी मंगलायतन विश्वविद्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कुलपति प्रोफेसर पी.के. दशोरा ने दी। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 19, 20 व 21 दिसंबर को विभिन्न सत्रों में सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक विश्वविद्यालय के सभागार में किया जाएगा। यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन नवोन्मेषकों और शोधकर्ताओं को सरकार, उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच वर्तमान परिदृश्य में अपनी जानकारी, विचारों और वैज्ञानिक प्रगति के संभावित निहितार्थों का आदान-प्रदान करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करेगा, जिसका उपयोग मानव जाति के लाभ में किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी कृषि, चिकित्सा, औषधि खोज एवं विकास, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यावरण संरक्षण यहां तक कि नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स में भी अनुप्रयोगों की एक विशाल श्रृंखला है। उन्होंनेे बताया कि सम्मेलन की स्मारिका का प्रकाशन भी किया जाएगा। करीब 35 वैज्ञानिकों के संबोधन होंगे साथ ही प्रस्तुत शोधपत्रों को सम्मेलन के बाद इस्कोपस इंडेक्स जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा।डीन रिसर्च प्रोफेसर रविकांत ने बताया कि सम्मेलन के मुख्य अतिथि इंडो-फ्रेंच सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एडवांस रिसर्च, नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर नितिन सेठ और सेंटर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च के निदेशक, सीडीआरआई व आईआईटीआर, लखनऊ के पूर्व निदेशक प्रोफेसर आलोक धवन होंगे। सम्मेलन की तैयारियों के लिए मंगलायतन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की देखरेख में अलग-अलग 23 समितियों का गठन किया गया है। सभी समितियां कार्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए जुटी हुई हैं। इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डा. संतोष गौतम, प्रोफेसर प्रदीप कुमार, योगेश कौशिक, वीर प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे।