
कृष्ण पक्ष के फाल्गुन मास की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है धर्म शास्त्र के अनुसार जिस दिन अर्थ रात्रि में चतुर्दशी हो उस दिन शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और शक्ति का मिलन हुआ था वही ईशान संहिता के अनुसार फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को भोलेनाथ दिव्य ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे शिव पुराण की एक कथा के अनुसार उस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विवाह हुआ था और भोलेनाथ ने वैराग्य जीवन त्याग कर गृहस्थ जीवन अपनाया था उज्जैन महादेव की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं वह कष्टों का भी निवारण होता है|
इस बार महाशिवरात्रि 18 फरवरी शनिवार को मनाई जाएगी
व्रत का महत्व-शिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति निर्जला व्रत रहकर जागरण और रात्रि के चारों में चार बार पूजा करता है वह शिव की कृपा को प्राप्त करता है | शिवरात्रि महात्म्य में लिखा है कि शिवरात्रि से बढ़कर कोई दूसरा व्रत नहीं है।
महाशिवरात्रि पूजा विधि
भगवान शिव को चार चीजें हमेशा प्रिय हैं मदार की माला, धतूरा ,बेलपत्र और भांग |सबसे पहले शिव पूजा का संकल्प लें |इसके बाद एक लोटा जल मंदिर में जाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इसके बाद रोली, सिन्दूर, चावल, फल, फूल, जनेऊ, वस्त्र, धूप, दीप, सप्त धान्य, बेलपत्र, धतूरे के फूल, आंकड़े के फूल आदि सामग्री को एकत्रित कर लें और उसके बाद पंचामृत बनाकर रख लें।फिर विधि विधान पूजा करें। 108 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ कहकर सभी सामग्री भगवान शिव को अर्पित करें।
इस दिन शिव मंत्रों का जाप जरूर करें। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन रुद्राष्टक,शिवाष्टक और शिव स्तुति का पाठ जरूर करें।महाशिवरात्रि के पर्व पर बहुत से लोग चारों पहर की पूजा करते हैं। तो जो लोग भगवान शिव की चारों पहर की पूजा करना चाहते हैं उन्हें रात्रि के पहले पहर में दूध, दूसरे में दही, तीसरे पहर में घी और चौथे पहर में शहद से पूजन करना चाहिए। ध्यान रखें कि हर पहर में जल का प्रयोग अवश्य करें। ऐसा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
पूजा सामग्री लिस्ट
महाशिवरात्रि पूजा में पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि ।