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टीकाराम कन्या महाविद्यालय में शिक्षा द्वारा फंडेड यूथ फ्रेंडली सेंटर और आइक्यूएसी के तत्वाधान से मानसिक स्वास्थ्य एवं जीवन कौशल पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन प्राचार्य प्रो शर्मिला शर्मा जी के निर्देशन मे हुआ और कहा कि हमें अपने कार्य क्षेत्र में पूर्ण लगन, ईमानदारी, और जिम्मेदारी के साथ अहम की भावना ना रखते हुए कार्य करना चाहिए तथा सभी के प्रति सकारात्मक विचार रखें। मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर अंशु सोम मनोचिकित्सक जिला मलखान सिंह चिकित्सालय अलीगढ़ ने वर्तमान जीवन शैली में होने वाले मानसिक तनाव, अवसाद और विभिन्न मानसिक बीमारी के बारे में यूथ फ्रेंडली सेंटर की नोडल अधिकारी प्रो नीता वार्ष्णेय ,आइक्यूएसी कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर उम्मे कुलसुम, को कोऑर्डिनेटर डॉ ममता श्रीवास्तव, और महाविद्यालय के सभी शिक्षोणत्तर कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि मानसिक तनाव एक संक्रामक बीमारी नहीं है लेकिन जब यह किसी एक को होता है तो यह संक्रामक बीमारी के रूप लेता है और आसपास के व्यक्तियों पर भी प्रभाव डालता है अतः हमें यह समझने की आवश्यकता है कि मानसिक तनाव डिप्रेशन के लक्षण क्या है कैसे इससे बचा जा सकता है। माता-पिता को बच्चों के साथ समय शेयर करना चाहिए उनके सामने किसी व्यक्ति विशेष के नाम से निंदा की ना करें। बल्कि उन्हें यह समझाएं कि कठिन परिस्थितियों से निकालने के लिए क्या करना चाहिए। छात्राओं को वार्ष्णेय कॉलेज की मनोविज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रजनी वार्ष्णेय , डॉ निशा तिवारी और आरती शर्मा ने छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य पर प्रशिक्षण दिया, प्राचार्य ने सभी प्रशिक्षणकर्ता को स्मृति चिन्ह तथा सभी शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया।

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