सरकार ने नए टैक्स स्लैब 2023 की घोषणा कर दी है। आम जनता को ध्यान में रखते हुए नए टैक्स स्लैब में छूट देने की घोषणा की गई है। इसके मुताबिक, अब सात लाख रुपये तक की कुल सालाना आय वाले व्यक्तियों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, पुराने टैक्स स्लैब के मुताबिक यह पांच लाख रुपये तक थी। इससे करदाताओं के लिए बड़ी राहत की खबर आ रही है।
क्या था पुराना टैक्स स्लैब?
भारत में अब तक ओल्ड टैक्स स्लैब का इस्तेमाल लिया जा रहा है। इसके तहत आने वाले स्लैब इस तरह हैं-
2.5 लाख रुपये तक की आय को व्यक्तिगत आयकर से छूट प्राप्त है।
2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच की आय पर 5 प्रतिशत की टैक्स
5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच की आय पर 20 प्रतिशत टैक्स
10 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 फीसद टैक्स लगता है।
नया टैक्स स्लैब 2023
करों में छूट के साथ अब टैक्स स्लैब में बदलाव कर दिया गया है। इसके तहत-
0 से 3 लाख रुपये तक की आय को व्यक्तिगत आयकर से छूट प्राप्त है।
3 लाख रुपये से 6 लाख रुपये के बीच की आय पर 5 प्रतिशत की टैक्स
6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये के बीच की आय पर 10 प्रतिशत टैक्स
9 लाख रुपये से 12 लाख रुपये तक की आय पर 15 फीसद टैक्स
12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये के बीच की आय पर 20 प्रतिशत की टैक्स
15 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल, मोबाइल फोन सस्ते; सिगरेट, चांदी और किचन चिमनी महंगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना पांचवां बजट पेश किया। बजट में अलग-अलग सेक्टरों के लेकर कई ऐलान किए गए हैं,आने वाले दिनों में मोबाइल फोन खरीदना सस्ता हो सकता है, वहीं सोना-चांदी खरीदना महंगा। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने मोबाइल फोन के कुछ पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी है और सोना-चांदी पर ड्यूटी में इजाफा किया है। ऐसे में आम आदमी की जेब पर किन चीजों का बोझ बढ़ने जा रहा है और किससे उसे राहत मिलेगी, जानते हैं क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा..
सस्ता
बजट में खिलौने पर लगने वाले सीमा शुल्क को घटाकर 13 प्रतिशत कर दिया है। इससे खिलौने की कीमत में कमी आएगी।
इलेक्ट्रॉनिक वाहनों में उपयोग की जाने वाली
लिथियम आयन बैटरी बनाने में इस्तेमाल सामान की इंपोर्ट ड्यूटी घटाई
टीवी पैनल के ओपन सेल के पुर्जों पर कस्टम ड्यूटी 5% से घटाकर 2.5% की गई इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक वाहन सस्ते हो जाएंगे।
मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग के लिए कुछ पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी घटाई
हीट कॉइल पर कस्टम ड्यूटी 20% से घटाकर 15% कर दी गई है
लैब में बने हीरों की मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल सीड पर ड्यूटी कम की
एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए श्रिंप फीड पर कस्टम ड्यूटी कम करेगी
क्रूड ग्लिसरीन पर कस्टम ड्यूटी 7.5% से घटाकर 2.5% की गई
क्लीनिंग एजेंट डीनेचर्ड इथाइल अल्कोहल से कस्टम ड्यूटी खत्म की गई
महंगा
सिगरेट पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक को 16 फीसदी बढ़ाया गया है। इससे सिगरेट महंगी हो जाएगी।
सोना, चांदी और प्लैटिनम से बनी आयात से बनी इंपोर्टेड ज्वैलरी महंगी हो गई है।चांदी की ड्यूटी 6% से 10% की। उससे बने सामान पर भी ड्यूटी बढ़ाई
कंपांउडेड रबर पर ड्यूटी को 10% से बढ़ाकर 25% किया
किचन इलेक्ट्रिक चिमनी पर कस्टम ड्यूटी 7.5% से बढ़ाकर 15% की गई
अब बात GST की जिसके दायरे में 90% प्रोडक्ट आते हैं…
ऐसे कम ही प्रोडक्ट है जो बजट में सस्ते या महंगे होने जा रहे हैं। इसका कारण है गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी GST। 2017 के बाद लगभग 90% प्रोडक्ट की कीमत GST पर निर्भर करती है, जिसे GST काउंसिल तय करती है। वर्तमान में GST के टैक्स स्लैब में चार दरें – 5%, 12%, 18% और 28% हैं। आवश्यक वस्तुओं को इस टैक्स से छूट है या सबसे निचले स्लैब में रखा है। GST से जुड़े सभी फैसले GST काउंसिल लेती है।