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समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रति वर्ष फरवरी माह के दूसरे सोमवार को अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है।आपको बता दें कि दिमाग में तरंग अनियंत्रित होने से इसके दौरे पड़ते हैं।इधर इस सम्बंध में अधिक जानकारी देते हुए अभिश्री हॉस्पिटल के न्यूरो एंड स्पाइन डिपार्टमेंट के हैड औऱ अलीगढ़ के प्रख्यात न्यूरोसर्जन डॉ.नागेश वार्ष्णेय ने बताया कि विश्व में पांच करोड़ से भी अधिक लोग मिर्गी रोग से ग्रसित हैं और हर साल करीब पचास नए मरीज प्रति एक लाख पर जुड़ जाते हैं।डॉ.साहब ने बताया कि यह इतनी खतरनाक बीमारी है कि कभी कभी जान तक जाने का खतरा होता है।इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर ऐसी बीमारी से बचने के कई उपाय बताए साथ ही सचेत भी किया कि यदि मिर्गी का मरीज कहीं रास्ते में हो तो उसकी मदद जरूर करें जिससे उसका जीवन बच सके।मिर्गी के प्रमुख कारण उम्र के हिसाब से निर्धारित होते हैं।इनमें प्रमुख कारण प्रसव के दौरान दिमागी चोट पहुचना,दिमाग का संक्रमण(टी बी,मेंनिन्नजाइटिस, इन्सेफेलाइटिस)दिमागी चोट,ट्यूमर या फिर दिमाग का थक्का जमे होने से भी यह बीमारी उत्पन्न होती है।यह बीमारी तेज बुखार के चलते भी हो जाती है औऱ छः महीने से 5 वर्ष तक के बच्चों को तेज बुखार के चलते ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।उन्होंने कहा कि मिर्गी संक्रामक रोग नहीं होता औऱ दौरे को मिर्गी तब बोला जाता है जब ऐसे दौरे बार बार पड़ते हैं।डॉ.ऋषभ ने बताया कि यह दुनिया की सबसे पुरानी बीमारियों में से एक है। और दिमागी पक्षघात से बचें जैसे बी.पी नियन्त्रण , डायबिटीज नियन्त्रण इत्यादि।

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