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अलीगढ़ के रहने वाले योगेश भाटिया और उनकी मां सुदर्शन ने भारत में वंचित लोगों की मदद करने का संकल्प उठाया है बता दें कि लेफ्टिनेंट कर्नल नितिन भाटिया मेमोरियल ट्रस्ट के जरिए लोगों की सेवा करने का संकल्प हमने 2011 से लिया है, उन्होंने बताया कि एक घटना में उनका छोटा बेटा नितिन जो भारतीय सेना में हेलीकॉप्टर पायलट था बेटा नितिन 35 वर्ष की उम्र में ही एक दुर्घटना में मृत्यु हो गयी थी बेटे कर्नल नितिन भाटिया एक समर्पित सैनिक और उच्च पदाधिकारी था उसका नाम युद्ध स्मारक इंडिया गेट पर आज भी पाया जा सकता है जो अलीगढ़ के लिए गौरव की बात है बेटे की मृत्यु के बाद उन दोनों ने अपने जीवन को लोगों की मदद के लिए समर्पित कर दिया और उन लोगो की आंखों को ठीक कराने का संकल्प लिया जो आंखों की रोशनी से वंचित है , उन्होंने लोगों की मदद करने के लिए यह एक छोटी पहल की जो बाद में एक बड़े सामाजिक कार्य में बदल गई, ये n.r.i. परिवार हर साल भारत आता है और गुमनाम रूप से आंखों की सर्जरी का बड़ा दान करता है क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके बेटे की मृत्यु ऑपरेशन के कैजअल्टी में हुई, उसकी आत्मा को शांति और पुण्य मिलने दृष्टि से भारत में आकर लोगों के मोतियाबिंद और उनका अंधापन दूर करने का प्रयास सालों से कर रहे हैं माँ सूदर्शन और उनके बड़े बेटे योगेश ने इस तरह भारत में हजारों गरीबों की मदद की लेफ्टिनेंट कर्नल नितिन भाटिया मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा अस्पताल के माध्यम से यह ट्रस्ट मजबूर बेसहारा लोगो की आंखों की सर्जरी कराने के लिए अलीगढ़ ही नहीं उत्तर भारत के कई शहरों की यात्रा करते हैं

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