केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून, 2025 को पूरी तरह संविधान के अनुरूप बताया है। सरकार ने अदालत से आग्रह किया कि इस कानून पर कोई भी स्थगन आदेश न दिया जाए क्योंकि यह कानून किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं करता। केंद्र ने 1,332 पन्नों के हलफनामे में कहा कि यह संशोधन वक्फ प्रबंधन में पारदर्शिता, जवाबदेही और न्यायिक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है। सरकार ने वक्फ संपत्तियों में 2013 के बाद 116% की बढ़ोतरी को चौंकाने वाला बताया और कथित अतिक्रमण के मामलों का हवाला दिया। हलफनामे में कहा गया है कि वक्फ कानून केवल संपत्ति प्रबंधन के धर्मनिरपेक्ष पक्षों को नियंत्रित करता है, और यह धार्मिक स्वतंत्रता का हनन नहीं करता। इसके अलावा, केंद्र ने वक्फ बोर्डों में मुस्लिम सदस्यों के अल्पसंख्यक होने की बात को भी खारिज किया। सरकार का कहना है कि वक्फ परिषदों की संरचना में मुसलमानों का बहुमत बना रहेगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि कानून अदालत तक पहुंच को नहीं रोकता और सार्वजनिक संपत्तियों की सुरक्षा के लिए किए गए प्रावधान एक सुविचारित विधायी उपाय हैं।