
महानगर के खिरनी गेट पर स्थित श्री लख्मीचंद पांड्या खंडेलवाल दिगम्बर जैन मंदिर मे चल रहे श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान का समापन प्रात: अभिषेक पूजा शांति धारा, विश्वशांति महायज्ञ के साथ हुआ । प्रात: श्रीजी का अभिषेक किया।मुनिश्री अनुकरण सागर महाराज एवं मुनिश्री स्वयंभू सागर महाराज के सान्निध्य में चल रहे श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान सोमवार को वेदी में श्रीजी को विराजमान कराने व विश्व शांति महायज्ञ में आहुतियां देने के साथ संपन्न हुआ। विश्वशांति महायज्ञ मे इंद्र इंद्राणियों ने विश्व का कल्याण हो, विश्व मे शांति हो सभी भी मे सद्भावना बनी रहे इन्हीं मंगल भावनाओं के साथ हवन मे विश्व शांति की कामना करते हुए आहुतियां दीं। यज्ञ की सुगंध से सारा वातावरण सुगंधमय हो गया। धर्मसभा में मुनिश्री ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक महोत्सव में मन-वचन और कर्मों की शुद्धि के साथ भाग लेना चाहिए । मानव जीवन बड़ी मुश्किल से मिलता है, इसलिए इसे सार्थक, स्वथ्य और यशपूर्ण बनाने के लिए एक-एक पल का सटीक सदुपयोग करना चाहिए। मनुष्य को निवृत्ति का मार्ग अपनाकर अपनी आत्मा का उत्थान सम्यक प्रयास से करना चाहिए। धार्मिक कार्यक्रम प्रत्येक जीव के आत्मा के उत्थान का अवसर प्रदान करता है। सभी लोगों ने श्रद्धाभाव के साथ कार्यक्रम में भाग लेकर अपने जीवन को धन्य बनाया। कार्यक्रम सम्पन्न होने बाद श्रीजी को सौधर्म, धनपतिकुबेर, यज्ञनायक, ईशान,महेंद्र, सानत, इन्द्रों ने वेदी में विराजमान किया ।
कार्यक्रम का निर्देशन बा. ब्र. बसंती दीदी एवं कल्पना दीदी ने किया।कार्यक्रम में अध्यक्ष प्रधुम्न कुमार जैन, मंत्री विजय कुमार जैन सेठ संस, कोषाध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन, मिडिया प्रभारी मयंक जैन, मुनेश जैन, मुकेश जैन, रविंद्र जैन, प्रशांत जैन, कुणाल जैन, सत्यम जैन, आरुष जैन, लक्ष्य जैन एवं सकल जैन समाज के भारी संख्या मे पुरूष महिलायें, बच्चें उपस्थित रहे।