महानगर के पक्की सराय में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन धूमधाम से किया जा रहा है। आज कथा के दूसरे दिन वृंदावन से आए आचार्य पंडित रामबल्लभाधीश ने अपने मुखारविंद से अमृत समान वचन सुनाए। इस दिन की कथा में उन्होंने वराह अवतार और सती चरित्र का सुंदर वर्णन किया, जिसे सुनकर भक्तगण भावविभोर हो उठे। आचार्य पं. रामबल्लभाधीश ने वराह अवतार की कथा सुनाते हुए बताया कि कैसे हिरण्याक्ष ने पाताल लोक में जाकर वरुण देव को युद्ध के लिए ललकारा, और फिर भगवान विष्णु ने अपने वराह अवतार के रूप में उसे पराजित किया। इसके बाद, आचार्य पं. रामबल्लभाधीश ने सती चरित्र की कथा सुनाते हुए बताया कि कैसे दक्ष ने एक विराट यज्ञ का आयोजन किया, लेकिन उन्होंने अपनी पुत्री सती और उनके पति शिव को यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया। जब सती अपने पिता के यज्ञ में पहुंची, तो दक्ष ने अपमानजनक शब्दों से शिव का तिरस्कार किया, जिससे सती का दिल टूट गया। उन्होंने पति के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया और यज्ञ कुंड में कूद कर अपने प्राणों की आहुति दे दी। कथा के इस भाग ने सभी भक्तों को गहरे सोच में डाल दिया। यह कथा प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 6:30 बजे तक जारी रहेगी। इस अवसर पर जानकी प्रसाद वार्ष्णेय, सुनील कुमार वार्ष्णेय, ललित वार्ष्णेय, कमलेश वार्ष्णेय, नीतू, अंशुल, माधव, ममता वार्ष्णेय सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
