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दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की तत्वाधान में परम गुरुदेव सर्व आशुतोष महाराज की कृपा से 5 दिवसीय श्रीहरि कथा का आयोजन सम्राट लॉज, जीटी रोड़ अलीगढ़ मे किया जा रहा है। कथा के द्वितीय दिवस में आशुतोष की शिष्या अनुराधा भारती ने भगवान गणेश प्रसंग को विस्तार से सम‌झाया जिसमे सर्वप्रथम उन्होंने भारतीय परम्परा में गणेश भगवान के पूजन का महत्व बताया और उसमे दिये आध्यात्मिक शुभ सन्देश को कथा के माध्यम से उजागर किया।भगवान गणेश अर्थात् गुणों के स्वामी समस्त शक्तियों के स्वामी कहे जाते है। उनका व्यक्तित्व प्रत्येक मानव को जीवन जीने की कला समझाता है? उनके प्रत्येक अंग मानव जीवन में श्रेष्ठ गुणो की ओर प्रेरित करते हैं। भगवान गणेश का विशालकाय मस्तिक विवेक का धनी है। उनका विशालकाय उदर सद्गुणों की ओर संकेत करता है। भगवान गणेश के विशालकाय कर्ण सुनने की अदभुद क्षमता का परिचलक हैं। उनकी मूषक की सवारी उपद्रवकारी बुद्धि पर नकेल डालने की कला सिखाती हैं। विध्वंसकारी बुद्धि को विवेकबुद्धि के द्वारा हम कैसे नियंत्रित कर सकते हैं। मोदक प्रिय- अर्थात भगवान गणेश आनंद रूपी मोदक प्रिय है। उनका स्वस्तिक चिन्ह निराकार रूप जो चारों दिशाहो ने कल्याण हेतु है। और सतगुरु द्वारा चार अनुभूतियों की ओर संकेत है। तो इस प्रकार से साध्वी ने भगवान गणेश के समस्त अंगो का गूढ़ आध्यात्मिक रहस्य समझाते हुए मानव जाति को प्रेरित किया कि वह भी इन गुणों को धारण कर श्रेष्ठ जीवन जियें और अपने जीवन को सफल करें। कार्यक्रम में नीलेश उपाध्याय, दिनेश भारद्वाज, सतीश,सतेन्द्र रावत इत्यादि उपस्थित रहे।

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