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श्री वार्ष्णेय मंदिर में एक कदम सनातन संस्कृति की ओर मे शिविर के द्वितीय दिन आचार्य कौशल किशोर व्यास ने मां दुर्गा के नौ स्वरूप को विस्तार से बच्चों को बताया उन्होंने बताया की एक देवी होती है कुष्मांडा कुष्मांडा नाम का एक फल होता है जो बेल पर पकने के बाद अलग हो जाता है और उसमें मीठा और अमृत होता है माता हमें उसी प्रकार से जीवन में मिठास और अमृत प्रदान करती है हमारी जो नौ देवी हैं ये वनस्पति हैं ये प्रकृति हैं इसीलिए हमें अपने पर्यावरण को साफ रखना चाहिए कालरात्रि माता जिन्होंने काल पर भी विजय प्राप्त की हैं इनकी पूजा करने से हमारी असमय मृत्यु नहीं होती है.डॉक्टर अंशु सोम ने बच्चों को बताया कि मानसिक स्वास्थ्य हमारे जीवन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है। जीवन के लिए आगे बढ़ने के साथ साथ अच्छी जीवनशैली का बहुत महत्व है ।आज के संयोजक मंडल में राहुल गुप्ता स्क्रैप मिलिंद वार्ष्णेय, शैलेंद्र कुमार शैलु, गौरव एल्ड्रॉप, अंकित वार्ष्णेय, मुकेश बंटी, अनुपम सज्जू, पारस गुप्ता, आकाश दीप, मनोज वार्ष्णेय, गुंजित वार्ष्णेय, मोहित स्क्रैप, तनुराग वार्ष्णेय, संदीप घी आदि मौजूद रहे।

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