श्री वार्ष्णेय मंदिर में एक कदम सनातन संस्कृति की ओर के तृतीय दिवस पर पंडित रवि शर्मा ने प्रभु श्री राम के बारे में बच्चों को जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम एवं भगवान कृष्ण लीला पुरुषोत्तम थे। दोनों का अवतरण सनातन धर्म व अपने भक्तों की रक्षा के लिए हुआ। भगवान राम और कृष्ण संयम और धैर्य की प्रति मूर्ति थे। किसी परेशानी या समस्या में धैर्य और संयम नहीं त्यागा, व हर बात पर क्रोधित भी नहीं होते थे। प्रत्येक कार्य को योजना बनाकर पूर्ण किया, सफलता प्राप्त की, जैसे समुद्र पर पुल बांधना, रावण को युद्ध में पराजित करना, कंस को मारना, महाभारत के युद्ध में अधर्मियों को मारना आदि, इसके बाद डॉक्टर नीलिमा जोशी ने बच्चों को रानी लक्ष्मीबाई के जीवन संघर्ष से अवगत कराया गया, मुख्य वक्ता ने बताया कि किस तरह से अपनी वीरता और साहस से राष्ट्रभक्ति का नया अविस्मरणीय अध्याय रानी लक्ष्मीबाई ने रचा, और बच्चों से आह्वान किया कि देश का भविष्य अपने सत्य कर्मों से उज्जवल बनाएं यही उनकी देशभक्ति का परिचय देगा उसके बाद पर्यावरणजीवी अशोक चौधरी जी ने बच्चों से कहा की सभी बच्चे अपने यहां पौधारोपण जरूर करें, आज के मुख्य संयोजक सुमित नौरतन, अंकित वार्ष्णेय, मिलिंद वार्ष्णेय, लकी बालाजी, भरत गुप्ता, रहे और श्री वार्ष्णेय मंदिर सेवादार समिति की राहुल गुप्ता स्क्रैप, एडवोकेट मनोज वार्ष्णेय, गौरव एलड्राप, शैलेंद्र कुमार शैलु, मुकेश बंटी, आशीष राजा, कमल गुप्ता, गुंजित वार्ष्णेय, रिकेश वार्ष्णेय, लकी मनाली, आदि रहे।