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श्री वार्ष्णेय मंदिर में एक कदम सनातन संस्कृति की ओर कार्यक्रम के चौथे दिन श्री वार्ष्णेय मंदिर सेवादार समिति की ओर से आयोजित गुरुकुल कार्यशाला में बच्चों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रत्येक सत्र में बच्चे बहुत ही रोचकता के साथ सहभागिता कर रहे हैं। पत्रकार राज नारायण सिंह ने कहा बच्चों आपकी आंखों की चमक हमारी उम्मीदें हैं। आपकी मुस्कुराहट हमारा संसार है। आपका हौसला हमारी तलवार है, आपका सनातनी होना, भारत की जय जयकार है, आप सिर्फ तस्वीर नहीं, भारत की तकदीर हैं। आप की मौजूदगी जिंदादिली का प्रमाण है, इसलिए सभी सनातनी बच्चों को शत शत प्रणाम है। उन्होंने कहा कि श्री वार्ष्णेय मंदिर सेवादार समिति के पदाधिकारियों ने अभिनय प्रयोग किया है। वार्ष्णेय समाज बच्चों को सनातनी बना रहा है। दुनिया में बच्चे चाकलेट, टाफी आदि में सिमट जाते हैं। मगर, हमारे बच्चों के पास सतयुग, द्वापर, त्रेता की लाबी थाती है। कलयुग में भी वीरता की विरासत है। हमारे बच्चे रवानी हैं, कहानी हैं, देश के लिए मर मिटने वाले बलिदानी हैं। आचार्य सुनील कौशल जी महाराज ने गाय और परिवार मेल जोल के बारे में बताया गाय सूर्य केतु नाड़ी सूरज की किरणों से अवशोषित करके दूध के माध्यम से हमें सूर्य की ऊर्जा प्रदान करती है गुजरात की गीर यूनिवर्सिटी ने अपने शोध में यह सिद्ध किया है कि गाय के दूध और गौमूत्र दोनों में सोना होता है इसीलिए सभी को गाय का दूध पीना चाहिए इस अवसर पर सेवादार समिति के राहुल गुप्ता स्क्रैप, एडवोकेट मनोज वार्ष्णेय, अनुपम सज्जू, शैलेंद्र कुमार शैलु, अंकित वार्ष्णेय, गौरव एल्ड्रोप, मुकेश बंटी, भरत गुप्ता, कमल गुप्ता, गुंजित वार्ष्णेय, सुमित नौरतन आदि लोग थे।

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