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खेरेश्वर पलवल मार्ग स्थित गाँव लोहसरा मार्ग पर चल रही 108 कुंडीय महालक्ष्मी धनवर्षा महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा में यज्ञचार्य आचार्य भरत तिवारी ने बताया कि आज अरणी मंथन के साथ यज्ञ का शुभारंभ हुआ।यहां पर बिना कपूर के अग्नि को प्रकट किया गया उसके पश्चात सभी ने अग्नि देव के दर्शन कर हवन यज्ञ में अपनी सहभागिता निभाई।यहां पर अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक इंद्रेश उपाध्याय के मुखारबिंदु से आज द्वितीय दिवस में की कथा में प्रवेश हुआ।इस दौरान श्रीमद् भागवत भगवान श्री कृष्ण का साक्षात बांगमयविग्रह हुआ जिसके सर्वण और मनन करने से साधारण सा जीव भागवत स्वरूप को प्राप्त कर लेता है। यहां पर अमरकथा और शुक्रदेव के जन्म का वृतांत का विस्तार से वर्णन किया गया । हमारी गौ माताओं को ले जाकर उनसे अभद्रता करते हैं गौ माता का भोग करते हैं यह बहुत बड़ा पापा है जबकि मनुष्य का जीवन सांसारिक भोग में नहीं कृष्णभक्ति में बिताएं। जीवन छोड़ना है और अगर हम ये दृढ़ निश्चय कर लेंगे कि हमें जीवन में कृष्ण को पाना ही है तो हमारे लिए इससे प्रभु से बढ़कर कोई और सुख, संपत्ति या सम्पदा नहीं है भागवत कथा श्रवण करने वालों का सदैव कल्याण करती है।यहां पर कथा व्यास इंद्रेश उपाध्याय ने कहाकि जब अलीगढ़ में कट्टीघर बंद हो जाएगा तो अलीगढ़ में साक्षात देवी देवताओं का वास हो जाएगा औऱ बड़े बड़े संत यहाँ आएँगे और अलीगढ़ हरिगढ़ बन जाएगा यहाँ भी वृंदावन जैसा धाम बन जाएगा।कथा व्यास ने सभी से दक्षिणा के रूप में अलीगढ़ को हरिगढ़ बनाने की अपील की। इस कथा में मुख्य यजमान धनंजय पंडित और यज्ञाचार्य आचार्य भरत तिवारी के अलावा परीक्षित बने बांके बिहारी, एडवोकेट नीरज शर्मा,आशू पंडित, शेखर,युवराज रावत,विवेक पंडित,नंदू ठाकुर,सौरभ भारद्वाज,आचार्य कृष्ण गोपाल,आचार्य हिमांशु शास्त्री,आचार्य वेद प्रकाश शर्मा,मुकंद भारद्वाज,मयंक अग्रवाल,दीपक भारद्वाज,मोहन शर्मा आदि भक्तों ने कथा का रसपान किया।

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