गांव तेहरा में पशुओं की बीमारी और मृत्यु की सूचना पर पशुपालन विभाग की टीम तुरंत सक्रिय हो गई। टीम ने मौके पर पहुंचकर बीमार पशुओं का इलाज किया और स्वस्थ पशुओं में बचाव हेतु टीकाकरण कराया। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि इससे पहले भी 12 अगस्त को गांव में एफएमडी (खुरपका-मुंहपका) का टीकाकरण किया गया था। लेकिन हाल ही में खरीदे गए कुछ नए पशुओं के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ा। सूचना मिलते ही 21 सितंबर को इन नए पशुओं का भी एफएमडी टीकाकरण कर दिया गया। डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि बीमार पशुओं का प्रतिदिन उपचार जारी रहेगा और विभाग की टीम लगातार गांव में स्थिति की निगरानी कर रही है।