सोमवार को नगर आयुक्त अपने कार्यालय में विभागीय समीक्षा कर रहे थे।समीक्षा के दौरान वार्ड 54 के पार्षद संजीव द्वारा मात्र 4 दिन में जन्म प्रमाण पत्र जारी होने का प्रकरण नगर आयुक्त के समक्ष लाया गया। नगर आयुक्त ने चेक कराया तो चार दिन में उक्त विवरण का जन्म प्रमाण पत्र नगर निगम अभिलेखों में नही पाया गया उक्त फर्जी जारी प्रमाण पत्र पर पूर्व जोंनल अधिकारी और मुख्य कर निर्धारण अधिकारी विनय कुमार राय के डिजिटल हस्ताक्षर थे जिनका वर्तमान में स्थानांतरण हो चुका है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए नगर आयुक्त ने तत्काल नगर निगम की छवि खराब करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने का मन बनाया। नगर आयुक्त ने सहायक नगर आयुक्त वीर सिंह के नेतृत्व में प्रकरण की जांच समिति बनाई और अगले 7 दिनों में नगरीय क्षेत्र में फर्जी जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले लोगों के विरुद्ध अभियान चलाकर उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए।इसी दौरान नगर आयुक्त ने जन्म मृत्यु काउंटर का औचक निरीक्षण किया।निरीक्षण में पटल पर कई बाहरी व्यक्तियों के साथ वार्ड नंबर 72 के पार्षद मौ०हफीज अब्बासी मिले मौके पर नगर आयुक्त ने बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक के साथ पार्षद को भी बाहर का रास्ता दिखाते हुए अंदर आने पर सख्ती से मना कर दिया।पार्षद ने नगर आयुक्त की शिकायत महापौर प्रशांत सिंघल से की है।उन्होंने जन्म मृत्यु कार्यालय के डोर पर फेस और थम रिकॉग्निशन सेंसर डोर व पब्लिक के लिए हर विंडो पर माइक लगाने के निर्देश दिए ताकि कोई भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश न हो सके।नगर आयुक्त अमित आसेरी ने कहा नगर निगम द्वारा नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जन्म मृत्यु काउंटर पर सभी व्यवस्थाएं की गई है यहीं पर आवेदन करें और यही से प्रमाण पत्र प्राप्त करें। जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की सूचना और आवेदन की सूचना एसएमएस के माध्यम से नगर निगम द्वारा दी जा रही है।किसी भी व्यक्ति के बहकावे में आकर उससे अपना प्रमाण पत्र न बनवाएं।उन्होंने कहा फ़र्ज़ी जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र की जांच और हाई लेबल से वेरीफिकेशन से आवेदकों को ही दिक्कत होगी इसलिए सिर्फ़ नगर निगम जन्म मृत्यु काउंटर पर ही आवेदन करें।