अलीगढ़। रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, लखनऊ के निदेशक ने अवगत कराया है कि उपग्रह चित्रों, डिजिटल टोपोशीटों एवं जनसंख्या के आँकड़ों का उपयोग कर प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों का कंप्यूटरीकृत थीमैटिक मानचित्र जनपदवार तैयार किया गया है। इसमें भूमि उपयोग, भूमि आच्छादन, मृदा, भू-प्राकृतिक स्वरूप, भूजल संभावित क्षेत्र, सतही जल, नदी-नाले, सड़क, रेलमार्ग, नहरें और अन्य संसाधनों की जानकारी शामिल है। इन मानचित्रों का उच्चीकरण कार्य भी किया जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी प्रखर कुमार सिंह ने बताया कि इस विषय पर विस्तार से जानकारी देने के लिए 23 अगस्त को अपराह्न 12:30 बजे कलैक्ट्रेट सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसमें रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, लखनऊ के वैज्ञानिक प्रतिभाग करेंगे। सीडीओ ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अनिवार्य रूप से समय पर उपस्थित होकर कार्यशाला में प्रतिभाग सुनिश्चित करें।