सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य करने का आदेश जारी करने पर प्रदेशभर के शिक्षकों में चिंता की लहर दौड़ गई है। अदालत ने स्पष्ट किया कि जिन शिक्षकों की सेवा अवधि में पाँच वर्ष से अधिक शेष है, उनके लिए टीईटी पास करना अनिवार्य होगा। यदि टीईटी पास नहीं किया गया तो उन्हें इस्तीफा देना होगा या अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेनी पड़ेगी। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ, अलीगढ़ शाखा ने गुरूवार को एडीएम सिटी अमित भट्ट को ज्ञापन सौंपते हुए इस फैसले के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज कराई। संघ ने बताया कि देशभर में लगभग 40 लाख बेसिक शिक्षक और केवल उत्तर प्रदेश में करीब 4 लाख शिक्षक इस आदेश के कारण नौकरी से हाथ धो बैठेंगे। इसके चलते लाखों परिवार आर्थिक संकट और भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे। संघ ने पुनः अनुरोध किया कि शिक्षा अधिकार अधिनियम 2011 लागू होने से पहले जो मान्यता आधारित नियुक्ति प्रक्रिया अपनाई गई थी, उसे ध्यान में रखते हुए अध्यादेश द्वारा टीईटी अनिवार्यता से इन शिक्षकों को छूट दी जाए, ताकि देश के लाखों परिवारों की रक्षा की जा सके।