इन्द्र विक्रम सिंह जिलाधिकारी के तौर पर जून 2022 में अलीगढ़ आए। उन्होंने देखा कि कलेक्ट्रेट दो भागों में बटां हुआ है। एक पुराना, तो दूसरा नया भाग। कलेक्ट्रेट का पुराना भाग जिसे आज अधिकारियों, कर्मचारियों ने बिल्कुल ही बिसार दिया है। समुचित देखरेख और उचित रखरखाव न होने के कारण भवन जर्जर हो रहे हैं। भवनों के साथ-साथ पार्क, सड़कें, वाहन पार्किंग बिल्कुल घर के उस बूढ़े मां बाप की तरह हो चले हैं, जिनका बहू-बेटों ने ख्याल करना तो दूर देखना भी मुनासिब नहीं समझ रहे थे।
ठोस एवं मजबूत इरादों वाले इन्द्र विक्रम सिंह ने अपने पूर्व कार्यकाल में इसी अंजुमन में अपनी सेवाएं दीं थीं। उनका उस भवन और वातावरण से आत्मीय लगाव के साथ ही इन्हीं दर-ओ-दीवार में मन बसता था। लगभग एक वर्ष के कार्यकाल में ऐसा कोई दिन नहीं गया, जब शासकीय दायित्वों से फ़ारिग हो, उन्होंने अपने नए कार्यालय कक्ष से पैदल निकलकर पुराने भवन के चक्कर न लगाए हों। बिना किसी शासकीय बजट के लगभग 3 से 4 महीने चले जीर्णाेद्धार एवं मरम्मत कार्य के उपरांत आज वह दिन आ गया, जब उन्होंने पुराने कलेक्ट्रेट में बने जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय कक्ष में बैठकर न्यायिक वादों की सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने कलैक्ट्रेट परिसर में सूर्य मन्दिर की स्थापना, पार्क का उचित रखरखाव, पार्किंग की समुचित व्यवस्था, कलैक्ट्रेट का मुख्य द्वार के जीर्णोद्धार सहित अन्य कार्य कराते हुए पुराने कलैक्ट्रेट की भाव-भंगिमा को बदलकर रख दिया है।