राधाष्टमी की विशेषताएं व व्रत पूजा पाठ के बारे में जानकारी देते हुए पंडित हृदय रंजन शर्मा जी ने बताया कि भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधाष्टमी के नाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह व्रत रविवार 31अगस्त को मनाया जाएगा। क्योंकि अष्टमी तिथि 30 अगस्त दिन शनिवार को रात्रि 10:47से 31अगस्त की रात्रि 12:58 तक रहेगी। अतः सभी पंचांगों के हिसाब से रविवार 31 अगस्त को ही राधाष्टमी का व्रत किया जाएगा। व्रती लोग इस दिन व्रत रख सकते हैं इसी दिन से महालक्ष्मी व्रत भी प्रारंभ होते हैं। राधाष्टमी के दिन शुद्ध मन से व्रत का पालन किया जाता है। राधाजी की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराते हैं स्नान कराने के पश्चात उनका श्रृंगार किया जाता है। इस दिन मंदिरों में 27 पेड़ों की पत्तियों और 27 ही कुंओं का जल इकठ्ठा करना चाहिए. सवा मन दूध, दही, शुद्ध घी तथा बूरा और औषधियों से मूल शांति करानी चाहिए।
