जैन धर्म के महापर्व दशलक्षण पर्व व क्षमावाणी पर्व 19 सितंबर से 30 सितंबर तक
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बुधवार को खिरनी गेट स्थित श्री लख्मीचन्द्र पांड्या खण्डेलवाल दिगम्बर जैन ट्रस्ट परिसर मे पत्रकार वार्ता मे श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन खण्डेलवाल मंदिर पंचायत के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार जैन ,मंत्री विजय कुमार जैन ,श्री लख्मीचंद पांड्या खण्डेलवाल दिगम्बर जैन मंदिर ट्रस्ट के मंत्री विजय कुमार जैन सेठ संस , गंगेरवाल जैन सभा के अध्यक्ष राजीव जैन, जैसवाल जैन सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय जैन ,मीडिया प्रभारी मयंक जैन ने संयुक्त रूप से बताया कि जैन धर्म में दशलक्षण पर्व का बहुत महत्व है। कोई भी पर्व किसी घटना या महापुरूष से सम्बंधित होता है। दशलक्षण महापर्व वीतरागता का पोषक त्याग, तपस्या, संयम एवं साधना का पर्व हैं। जैनों का सबसे पवित्र पर्व दशलक्षण पर्व हैं। दशलक्षण पर्व के दौरान जिनालयों में धर्म प्रभावना की जाती है। मंदिरों मे विशेष साफ-सफाई सुंदर जगमग रोशनी से सजाया जा रहा है। दिगम्बर सम्प्रदाय में यह पर्व प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ला पचंमी से चतुर्दशी तक मनाया जाता है। इन दिनों में जैन मंदिरों में खूब आनंद छाया रहता है। प्रतिदिन उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग, आंकिन्चय और ब्रह्मचर्य- इन धर्मों में से एक-एक धर्म का विवेचन होता है। प्रातः काल मे श्री लख्मीचंद पांड्या खण्डेलवाल दिगम्बर जैन ट्रस्ट मंदिर मे जैन मिलन महिला द्वारा सामूहिक संगीतमय पूजन का आयोजन सिद्धान्त प्रभाकर पण्डित श्री प्रवीण जैन इंदौर के सानिध्य , निर्देशन मे सम्पन्न होगी।

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