तर्पण हेतु सर्वोत्तम तिथियां
तर्पण के बारे में जानकारी देते हुए पंडित हृदय रंजन ने बताया कि 03 अक्टूबर 2023 पंचमी ,07 अक्टूबर 2023 नवमी , 14 अक्टूबर2023 अमावस्या तिथि,इस वर्ष तर्पण हेतु सर्वोत्तम तिथियॉ मानी जाएंगी तर्पण करने हेतु जो व्यक्ति साधन संपन्न नहीं है धन ही नहै वह शक्ति केवल एक हाथ में काले तिल और गंगाजल लेकर पूरी आस्था श्रद्धा विश्वास के साथ अपने पूर्वजों को मन में स्मरण याद करते हुए सूर्य को अर्पित करना चाहिए और मन में प्रार्थना करनी चाहिए हे सूर्य देववह साधन संपन्न नहीं है धन हीनहै अतअतः इसलिए उनका प्रणाम श्रद्धा व भक्ति भाव से परिपूर्ण है सूर्य भगवान इसे स्वीकार करें, करके उसे सूर्य भगवान पर चढ़ा देना चाहिए इससे तृप्ति एवं संतुष्टि प्राप्त होती है यही तर्पण की आसान और अति उत्तम विधि है |
तर्पण से सभी पितृ होते हैं संतुष्ट
ब्राह्मण भोज से एक पितृएवं तर्पण से सभी पितृतृप्त एवं संतुष्ट होते हैं इस विषय में बताते हुए पंडित हृदय रंजन ने कहा कि गया की फल्गु नदी में स्नान और तर्पण करने से पितरों को देव योनि मिल जाती है हिंदू समाज में यह दृढ़ विश्वास है कि गया में पिंडदान करने से उनके सात पीडियो के पितरो को मुक्ति मिल जाती है गया के अलावा भारत माता की पावन भूमि में कई ऐसे स्थान हैं जहां लोग पितृदोष के लिए अनुष्ठान कर सकते हैं जैसे महाराष्ट्र में त्रंबकेश्वर ,गंगासागर, हरियाणा पिहोबा यूपी मै गढ़गंगा ,उत्तराखंड में हरिद्वार भीश्राद्ध कर्म हेतु उपयुक्त स्थान है अकाल मृत्यु को प्राप्त होने वाले पितरों का श्राद्ध जगन्नाथपुरी में, बीमारी से मृत्यु प्राप्त होने वाले पितरों का श्राद्ध और पिंडदान ओम्कारेश्वर में किया जाता है, जिन का वंश आगे नहीं बढ़ता वह अकेले मृत्यु को प्राप्त होती है ऐसे पितरों का पिंडदान पशुपतिनाथ नेपाल यह कैलाश मानसरोवर अति उत्तम है |
