लॉर्ड बुद्धा एजुकेशनल सोसाइटी द्वारा बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व का आयोजन गांव तौछीगढ में आयोजित किया।जिसकी अध्यक्षता मानिक चन्द्र तथा संचालन जिलाध्यक्ष रनजीत सिंह बौद्ध ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत बुद्ध वन्दना के साथ की । मुख्य अतिथि अध्यक्ष पूरन सिंह ने तथागत बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि तथागत बुद्ध ने भारत में सदियों से अभिशप्त मानवता को मनुवादी व्यवस्था से आजाद कराया। खुद ज्ञान पाकर दुनिया को मार्ग दिखलाया। उन्होंने बताया कि बुद्ध कहते थे कि अपना दीपक स्वयं बनो। मैं मुक्ति दाता नहीं मार्गदर्शक हूँ। डीएल गौतम ने बाबा साहब के जीवन संघर्ष को बताते हुए समझाया कि जब तक हम बाबा साहब के विचारों को आत्मसात नहीं करेंगे तब तक समाज को जागरूक नहीं कर सकते। विशाखा गौतमी ने बताया कि माता रमाबाई और माता सावित्री फुले के नक्शे कदम पर चलकर समाज की महिलाओं को रूढ़िवादी परम्पराओं और पाखंडवाद, सामाजिक कुरीतियों से दूर रहना चाहिए। आयोजक कमेटी को सोसाइटी द्वारा बाबा साहब अम्बेडकर की 22 प्रतिज्ञाएं की तस्वीर देकर सम्मानित किया और उनका हार्दिक आभार व्यक्त किया गया। इस दौरान गुड्डू अम्बेडकर, अरविन्द सिंह, ब्रजेश गौतम, अश्वनी प्रधान, गोवर्धन सिंह बौद्ध, जगदीश प्रसाद, राजवीर सिंह, विजेंद्र सिंह और समस्त क्षेत्रीय जनता ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।