बंदरों ने नहीं, बल्कि अधिकारियों ने खाई है 35 लाख की चीनी : डॉ. एसपी सिंह
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साथा चीनी मिल किसान संघर्ष मोर्चा के किसानों ने एटा चुंगी पर विकास नगर में एक बैठक कर 35 लाख की चीनी घोटाले पर रोष व्यक्त किया । डॉ. शैलेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि चीनी मिल पर तीन गोदाम है। जिनमें न कोई जंगला है न ही बंदर के घुसने की जगह है, तो बंदरों ने चीनी नहीं खाई बल्कि इस को चीनी मिल के अधिकारियों ने खाया है। इसलिए छोटे कर्मचारी पर कार्यवाही से घोटाले पर लीपापोती की जा रही है। रॉबी ठाकुर ने कहा कि 2021 – 2022 से चीनी मिल में ताला पड़ा है, तो चीनी बंदरों के लिए छोड़ी थी क्या ? ये भी हो सकता है कि चीनी को प्रबंधक ने बेच हो ? जब कुछ लोगो को हिस्सेदारी नहीं मिली तो घोटाला सभी के सामने आ गया।डॉ कृष्णपाल सिंह यादव ने कहा कि इस तरह के अनेक घोटालों के कारण इस चीनी मिल पर ताला पड़ा है किसान सड़क पर 8 साल से संघर्ष कर रहा है । लेकिन न किसी राजनेता को दिखाई दिया और न ही अधिकारियों को ? कौशल कुमार ने कहा इस घोटाले की जानकारी होने के बाद किसानों में नाराजगी व्याप्त है। 4 जून तक आचार संहिता समाप्त होने के बाद जिलाधिकारी से गन्ना किसानों का प्रतिनिधि मंडल मिलकर अन्य घोटालों की जांच व दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करेगा।बंटी जादौन ने कहा कि यदि घोटाले में शामिल बड़ी मछलियों पर कार्यवाही नहीं हुई तो एक बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जायेगा । बैठक में घनश्याम सिंह, लोकेंद्र सिंह, रवेंद्र सिंह, सत्यवीर कुमार सहित अनेक गन्ना किसान उपस्थित रहे ।

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