जौहराबाद स्थित हैय्याललफला सोसायटी द्वारा संचालित पुस्तकालय में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के सम्मान में प्रोफेसर अली अमीर की अध्यक्षता में शोक सभा संपन्न हुई । शोक सभा में धर्मगुरु मौलाना शाहिद मीसम एवं मौलाना जाहिद ने शोक व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति रईसी द्वारा विगत 3 वर्ष में ईरान के लिए एवं ईरान के विदेशी संबंधों और उनके द्वारा लिए गए ऐतिहासिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय फैसले पर विस्तार से प्रकाश डाला । प्रोफेसर अली अमीर ने कहा कि इब्राहिम रईसी के कार्यकाल से पहले भारत के संबंध ईरान से बहुत अच्छे नहीं थे । परंतु इब्राहिम रईसी के कुशल कूटनीतिक नेतृत्व से भारत के रिश्ते में मजबूती आई। चाबहार मिशन, उनकी मौत पर भारत की ओर से एक दिन का राष्ट्रीय शोक, उनके अंतिम संस्कार में भारत के उपराष्ट्रपति का ईरान जाना, विदेश मंत्री द्वारा ईरानी दूतावास पर जाकर दुख व्यक्त करना आदि आपसी संबंधों का बड़ा उदाहरण है । अली अमीर ने आगे कहा कि वह सच्चे इस्लाम और इंसानियत के मॉडल थे। यही वजह है कि उनकी मृत्यु पर पूरी दुनिया ने दुख व्यक्त किय। अंत में कुरान का पाठ कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।सभा का संचालन सचिव असलम मेहंदी ने किया गया । इस दौरान प्रोफेसर मोहसिन, हैदर अली खान असद, अहमद अली खान, शादाब , डॉक्टर एहसान अहमद, सैयद मोहम्मद कफील, सैयद मोहम्मद तकी, ताहिर अली खान, उमर सरफराज अली खान, दानिश जैदी, मोहम्मद हैदर अली ,डॉ जावेद, डॉक्टर वसी जाफरी, आतिफा जेहरा, जैनब सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।