इसे हम समाज के प्रबुद्ध लोगों द्वारा किए गए हस्तक्षेप का नतीजा कहेंगे या फिर यहां किसी की राजनैतिक एप्रोज काम आई है जो अलीगढ़ के बहुचर्चित हीरालाल बारहसैनी इंटर कॉलेज में प्रिंसिपल के साथ हुई मारपीट के मामले की रार का आखिरकार पटाक्षेप हो गया है । इतना ही नहीं इस प्रकरण में जब आरोपी फर्नीचर कारोबारी को समाज की अदालत में खड़ा किया गया तो उन्होंने सबके सामने हाथ जोड़कर और प्रिंसिपल के पांव छूकर माफ़ी मांगी। आपको बता दें कि पिछले दिनों अलीगढ़ के हीरालाल बारहसैनी इंटर कॉलेज में महानगर के फर्नीचर कारोबारी गौरव हरकुट और उनके साथ अन्य लोगों ने प्रिंसिपल के साथ अभद्रता और मारपीट तक की थी । इसकी शिकायत प्रिंसिपल ने रोते बिलखते हुए मीडिया से की थी।इतना ही नहीं इस पूरे घटनाक्रम की तस्वीर सीसीटीवी में सामने आने और दवाब बनने पर इलाका पुलिस ने यद्यपि मुकदमा भी दर्ज कर लिया था। वहीं दूसरी तरफ इस घटनाक्रम की निंदा करते हुए जनपद के तमाम शिक्षक संगठनों ने धरना प्रदर्शन करते हुए अपनी हुंकार भरी। इस लडाई को प्रदेश स्तर तक लड़ने की बात कही थी। लेकिन इसके बाद अचानक ना सिर्फ विद्यालय प्रबंधन और प्रिंसिपल ने चुप्पी साध ली है, वहीं इस आंदोलन की वकालत करने वाले सभी शिक्षक नेता भी बैक फुट पर आ गए। साथ ही इस बीच समाज के कुछ प्रभावशाली लोगों ने इस प्रकरण में हस्तक्षेप किया और इसी की बानगी है जो पिछले दिवस अंततः ऊंट पहाड़ के नीचे आ गया। इधर इस संबंध में पिछले दिवस कॉलेज के सभागार में वृहद रूप से एक बैठक बुलाई गई । जिसमें ना सिर्फ विद्यालय प्रबंधन के लोग और प्रिंसिपल मौजूद रहीं बल्कि यहां पर इस आंदोलन को धार देने वाले शिक्षक संगठनों के नेता और समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे। जबकि यहां सभी की उपस्थिति में फर्नीचर कारोबारी गौरव हरकुट ने हाथ जोड़कर और प्रिंसिपल के पांव छूकर माफ़ी मांगी और अपने किए पर अफसोस जताया है। खास बात ये है कि बाद में प्रिंसिपल ने उन्हें माफ कर दिया और समाज के प्रबुद्ध लोगों ने तर्क दिया कि माफी देना गुरु जनों का कर्तव्य है।